चार अधिकारी और मिलेंगे, अब 151 का हो जाएगा काडर
बत्ता के पास आठ विभाग
सीनियर आईएएस अफसरों की कमी के चलते वर्ष 2000 बैच के अधिकारी आरएन बत्ता को आठ विभागों का जिम्मा दिया गया है। सरकार ने उन्हें पंचायतीराज, ग्रामीण विकास, सामान्य प्रशासन, सचिवालय प्रशासन, सैनिक कल्याण, संसदीय मामले, आईपीएच तथा मुख्यमंत्री कार्यालय में प्रोजेक्ट मॉनिटरिंग का जिम्मा सौंपा है।
ढूंढे नहीं मिल रहे अधिकारी
चौंकाने वाली बात है कि वर्ष 1998 से लेकर 2008 के बीच का कोई भी डायरेक्ट आईएएस अधिकारी हिमाचल में मौजूद नहीं है। इस समयावधि के बैच वाले सभी आईएएस इंटरस्टेट तथा केंद्रीय प्रतिनियुक्ति पर दिल्ली में हैं। इस कारण सरकार के लिए कमिश्नर तथा एचओडी तैनात करने के लिए आईएएस अफसर ढूंढने पर नहीं मिल रहे हैं।
सीनियर ब्यूरोक्रेट्स की कमी
सीनियर अधिकारियों में दो प्रधान सचिव जेसी शर्मा और ओंकार शर्मा हैं। एसीएस रैंक के संजय गुप्ता, मनोज कुमार, आरडी धीमान, निशा सिंह, रामसुभग सिंह, अनिल खाची और डा. श्रीकांत बाल्दी ही प्रदेश में सेवाएं दे रहे हैं। इस कारण सीनियर ब्यूरोक्रेट्स की कमी खलने से पहली बार राज्य सरकार को इन परिस्थितियों से जूझना पड़ रहा है।
लौट सकते हैं दो अफसर
इस साल सिर्फ आईएएस अधिकारी रजनीश अक्तूबर तथा सीपाल रासू जून में केंद्रीय प्रतिनियुक्ति से लौट सकते हैं। इसके विपरीत एमसी कमिश्नर संदीप कदम, एसीएस अनिल खाची तथा डीसी सिरमौर ललित जैन केंद्रीय प्रतिनियुक्ति पर जा रहे हैं। इस कारण आने वाले समय में समस्या और बढ़ जाएगी।