हिमुडा में पीडब्ल्यूडी से सीईओ

By: Jun 5th, 2019 12:01 am

कार्मिक विभाग ने दोनों डिपार्टमेंट से मांगा प्रोपोजल, ताजपोशी के लिए सरकार को भेजा जाएगा पैनल

शिमला – सात साल के अंतराल के बाद हिमुडा में पीडब्लयूडी से सीईओ लगेगा। इसके लिए कार्मिक विभाग ने हिमुडा तथा पीडब्ल्यूडी से प्रोपोजल मांगा है। दोनों विभागों के सबसे सीनियर चीफ इंजीनियर की सीईओ पद पर ताजपोशी का नियमों में प्रावधान है। इसके चलते पीडब्लयूडी के चीफ इंजीनियर भवन शर्मा की दावेदारी पुख्ता हो गई है। हिमुडा में वर्तमान में अधीक्षण अभियंता से ऊपर रैंक का कोई भी अधिकारी नहीं है। इस कारण कार्मिक विभाग लोक निर्माण विभाग के चीफ इंजीनियर का पैनल तैयार कर सरकार को भेजेगा। जाहिर है कि लोक निर्माण विभाग के लिए सीईओ पद की लॉटरी सेवाविस्तार के अभियान को लगे झटके के बाद निकली है। सीईओ हिमुडा पद पर तैनात चीफ इंजीनियर उमेश शर्मा के सेवाविस्तार का मामला राज्य सरकार ने प्रमुखता से उठाया था। आदर्श चुनाव आचार संहिता में फंसे इस प्रस्ताव को खारिज कर केंद्रीय चुनाव आयोग ने सेवाविस्तार पर रोक लगा दी थी। इसके चलते उमेश शर्मा को सीईओ हिमुडा पद से सेवानिवृत्त होना पड़ा था। इसके बाद राज्य सरकार ने सीईओ का अतिरिक्त कार्यभार आईएएस अधिकारी अक्षय सूद को सौंपा है। फिलहाल दिए गए इस कार्यभार के विरुद्ध अब सीईओ की नियमित नियुक्ति की प्रक्रिया से सरकार ने आदेश जारी कर दिए हैं। इसी कड़ी में कार्मिक विभाग ने पीडब्ल्यूडी तथा हिमुडा से प्रस्ताव मांगा है। हिमुडा के आर एंड पी रूल्ज में स्पष्ट है कि चीफ इंजीनियर रैंक का अधिकारी ही सीईओ पद के लिए पात्र है। इसमें सबसे सीनियर चीफ इंजीनियर की सीईओ पद पर ताजपोशी का प्रावधान किया गया है। हालांकि नियमों में स्पष्ट कहा है कि हिमुडा में वरिष्ठ चीफ इंजीनियर न होने पर लोक निर्माण विभाग के मुख्य अभियंताओं को प्राथमिकता दी जाएगी। लिहाजा हिमुडा में कोई भी चीफ इंजीनियर न होने के कारण सीईओ पद पर लोक निर्माण विभाग से ताजपोशी होना तय है।

लंबे समय बाद लोक निर्माण विभाग को एंट्री

हिमुडा में लंबे समय के बाद लोक निर्माण विभाग को एंट्री मिल रही है। इससे पहले बीबी कालरा लोक निर्माण विभाग के हिमुडा में अंतिम सीईओ थे। उनके बाद हिमुडा के चीफ इंजीनियर अरुण गुप्ता सीईओ बने थे। हालांकि इसके बाद वीरभद्र सरकार ने आईएएस अधिकारी सुनील चौधरी को सीईओ हिमुडा लगाया था। कुछ समय बाद वीरभद्र सरकार ने हिमुडा के चीफ इंजीनियर बने दिनेश कश्यप को इस पद पर तैनात कर दिया था। उनके बाद हिमुडा के ही उमेश शर्मा सीईओ रहे हैं, जिनके सेवाविस्तार का मामला शिमला से लेकर दिल्ली तक खूब सूर्खियों में रहा था।


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