244.32 करोड़ से लगेंगे हैंडपंप

शिमला-प्रदेश की ग्राम पंचायतों में 14वें वित्तायोग की राशि से हैंडपंप लगाए जा सकेंगे। यहां आईपीएच विभाग इस पर होने वाले खर्च और लगातार खराब हो रहे हैंडपंपों  के कारण इन्हें लगाने में असमर्थता जता चुका है, परंतु केंद्र सरकार के ग्रामीण विकास मंत्रालय ने इस विभाग के माध्यम से 14वें वित्तायोग की राशि को इस पर खर्च करने की अनुमति दे दी है। इतना ही नहीं राज्य को इस मद में 244.32 करोड़ रुपए की धनराशि जारी भी कर दी गई है, जो सरकार को मिल गई है। ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज मंत्री वीरेंद्र कंवर ने बताया कि ग्राम पंचायतें 14वें वित्तायोग के तहत प्रदान की जा रही धनराशि से अपने क्षेत्र में हैंडपंप लगा सकेंगी। विभाग द्वारा इस बारे में सभी पंचायतों को दिशा-निर्देश जारी किए गए हैं। उन्होंने बताया कि ग्राम पंचायतें हैंडपंप संबंधित अपनी मांग को सिंचाई एवं जन-स्वास्थ्य विभाग के क्षेत्रीय कार्यालयों को प्रेषित करेगी तथा उक्त विभाग हैंडपंप का प्राकलन तैयार करेगा। संबंधित पंचायत प्राकलन के अनुसार 14वें वित्तायोग की राशि में से पंचायत क्षेत्र में हैंडपंप को लगाने हेतु विभाग को आवश्यक धनराशि प्रदान करेंगी। बता दें कि 14वें वित्तायोग के अन्तर्गत राशि सीधे तौर पर ग्राम पंचायतों को प्रदान की जा रही है। पांच वर्षों के दौरान इस मद् में ग्राम पंचायतों को 1800 करोड़ रुपए प्रदान करने का प्रावधान है, जिसमें से इस वित्तीय वर्ष में 488.00 करोड़ की राशि प्रदान की जाएगी। इस वित्तीय वर्ष की पहली किश्त के रूप में राज्य सरकार को केंद्र सरकार से 244.32 करोड़ रुपए की राशि प्राप्त हो चुकी है, जिसे सीधे ग्राम पंचायत को प्रदान किया जा रहा है। वीरेंद्र कंवर ने बताया कि इस निर्णय से ग्रामीण क्षेत्रों में पेयजल की समस्या का समाधान होने के साथ-साथ 14वें वित्तायोग के तहत स्थायी संपति का निर्माण भी संभव होगा। यहां बता दें कि पंचायतों को केंद्र से सीधा पैसा मिल रहा है, लेकिन पंचायतें इस पूरे पैसे को खर्च नहीं करतीं। पहले का भी काफी पैसा उनके पास बिना खर्च के पड़ा हुआ है जिसे खर्च करने के लिए सरकार ने आदेश दे रखे हैं। इसपर अब नई धनराशि उन्हें केंद्र से मिल गई है। ग्रामीण विकास मंत्री ने साफ कहा है कि विकास कार्यों के लिए आई राशि को खर्च करना जरूरी है। ऐसा नहीं होने पर पंचायतों के खिलाफ कार्रवाई होगी, क्योंकि गांवों में पानी की कमी की बात कही जाती है, लिहाजा हैंडपंप लगाने को अब केंद्र सरकार पैसा दे रही है। इसमें आईपीएच विभाग को भी हैंडपंप लगाने में अब कोई दिक्कत नहीं होनी चाहिए जो अपने स्तर पर हैंडपंप लगाने से इन्कार कर चुका है।