48 घंटे बाद रेस्क्यू किए रास्ता भटके युवक
नौहराधार —15 जून को चूड़धार की यात्रा के दौरान लापता हुए अर्की निवासी भुवनेश्वर व कपिल 48 घंटे के बाद सोमवार देर शाम करीब आठ बजे गंभीर अवस्था में मिल गए हैं। यह दोनों अपने अन्य तीन साथियों से बिछुड़ गए थे। तीसरी नामक स्थान से भटक कर ये यात्री गलत दिशा से जाते हुए कंडा के घने जंगल में चले गए। यह जंगल इतना घना है कि इसमें सही रास्ता पकड़ना काफी मुश्किल है तथा इस जंगल में जंगली जानवर भी काफी ज्यादा हैं, मगर गनीमत यह रही कि यह दोनों सुरक्षित मिल गए। मिलने पर रेस्क्यू टीम ने तुरंत इन्हें गाड़ी में नौहराधार अस्पताल लाया, जहां पर डाक्टरों ने इनका प्राथमिक इलाज कर आगे सोलन रैफर किया। सोमवार सुबह पुलिस के जवानों और वन कर्मी ने ग्रामीणों के साथ सर्च आपरेशन छेड़ा था। दिन भर पुलिस और वन विभाग के जवान ग्रामीणों की सहायता के साथ दोनों की तलाश में जुटे रहे। देर शाम रेस्क्यू टीम ने मोबाइल की लोकेशन के आधार पर दोनों व्यक्तियों को तलाश लिया। शनिवार शाम करीब सात बजे ये दोनों रास्ता भटक गए थे। इनके पास खाने-पीने की भी कोई व्यवस्था नहीं थी। शनिवार, रविवार व सोमवार को पूरे तीन दिन तक इन्हें खाना नसीब नहीं हुआ। इन्होंने जंगल में पत्तियां खाकर व बार-बार पानी पीकर गुजारा किया। रविवार को तेज बारिश व तूफान में ठंड से कांपते रहे। इन दोनों ने बताया कि जब हम लोग रास्ता भटक गए तो ज्यादा अंधेरा होने पर वह हड़बड़ा गए। कई जगह फिसलन वाले रास्तों में गिर गए, जिससे हमारे शरीर में चोटें आई। बड़े मुश्किल से जंगलों में टहनियां पकड़-पकड़ कर नीचे मुख्य रास्ते तक पहुंचने की कोशिश करते गए, मगर घना जंगल होने की वजह से सही रास्ता नहीं मिल पाया। यदि सही समय पर उनको फोन लोकेशन पुलिस को नहीं मिलता तो आज शायद हम लोग जिंदा नहीं होते। इन्होंने यात्रियों से अपील की है कि रात के समय व खराब मौसम में यात्रा न करें। यात्रा गु्रप में साथ मिलकर करें। उधर, चूड़ेश्वर समिति के अध्यक्ष बीएस नांटा ने बताया कि नौहराधार व सराहां में एक-एक चैक पोस्ट व सहायता कक्ष की बात उपायुक्त से भी की है। हर रोज बढ़ रही घटनाओं संबंधी वार्तालाप के लिए फिर से डीसी से मिलेंगे तथा जरूरत पड़ी तो सरकार से भी इसके बारे में बात की जाएगी।
सरकार नहीं कर रही पुख्ता प्रबंध
श्रद्धालुओं की आस्था का प्रतीक चूड़धार की चोटी तक पहुंचने के लिए सरकार कोई पुख्ता प्रबंध नहीं कर रही है। लोग कई वर्षों से नौहराधार से चूड़धार के लिए रोप-वे व नौहराधार तथा चूड़धार के बीच रास्ते में चैक पोस्ट व सहायता कक्ष खोलने की मांग कर रहे हैं, मगर ऐसा कुछ नहीं किया जा रहा है। इस वजह से अकसर यात्री यहां पर फंस जाते हैं। यही नहीं कई यात्रियों को अपनी जान से भी हाथ धोना पड़ता है। सहायता कक्ष में जहां यात्रियों को यात्रा के बारे में गाइड किया जा सकता है। वहीं आपात स्थिति में उनकी सहयता भी की जा सकती है।
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