अढ़ाई माह नहीं बरसी एक भी बूंद

शिलाई—यूं तो पूरे प्रदेश में मानसून 15 दिन देरी से पहुंचा और हिमाचल में आते ही कमजोर पड़ गया, लेकिन उपमंडल शिलाई की कई ग्राम पंचायतें ऐसी हैं जहां बीते अढ़ाई माह से बारिश की एक भी बूंद नहीं बरसी किसान परेशान हैं। जून माह में किसानों ने फसलें तो बीज दी, लेकिन बारिश न आने के कारण फसलें सूख गई हैं। जिन पंचायतों में सूखा पड़ा है उनमें ग्राम पंचायत बालीकोटी, बेला मानल, ग्वाली, शिलाई, बांदली, शिल्ला, शरली मानपुर, माशु, कफोटा, पाब सहित कई पंचायतों में सूखा पड़ा है। बहुत बड़े इस क्षेत्र में अब तक भी बारिश नहीं हुई है। हैरानी इस बात की है कि साथ लगते क्षेत्र में कुछ बारिश हुई, लेकिन यहां तो किसानों ने जून में मक्की की फसल, अदरक तथा तिलहनी, दलहनी फसल लगाई है, लेकिन इंद्रदेव की बेरूखी के चलते यहां अब तक भी मानसून की एक बारिश नहीं हुई है। किसान आसमान में टकटकी लगाए बैठे हैं। किसानों के माथे पर चिंता की लकीरें साफ दिखाई पड़ रही हैं। किसानों में चिंता बढ़ाने लगी है। क्षेत्र के प्रगतिशील किसान गुलाब सिंह नौटियाल, हीरा सिंह शर्मा, बिशन सिंह गुलदार, अमर सिंह, रतन सिंह, अतर सिंह, सीता राम, गुमान सिंह सहित किसानों का कहना है कि सूखे तो पहले भी कई बार पड़े हैं, लेकिन ऐसा उन्होंने पहली बार देखा है कि जब ओर जगह बारिश ही रही है, लेकिन उनके क्षेत्र में मानसून आने के बाद एक भी बारिश नहीं आई। किसानों की फसलें खेत में मुरझाने लगी हैं। पानी के स्त्रोत सूख गए हैं। पीने के पानी, पशुचारे की समस्या उत्पन्न होने लगी है। जहां इन दिनों चारों ओर पानी का शोर रहता था। इस क्षेत्र के लोग एक बारिश को भी तरस रहे हैं। क्षेत्र के लोगों ने प्रशासन से मांग की है कि  इस क्षेत्र को सूखा घोषित कर यहां सूखा राहत के तहत किसानों को सहायता दी जाए। उधर, इस संबंध में एसडीएम शिलाई योगेश चौहान ने बताया कि यह प्राकृतिक आपदा है। अभी बरसात का एक महीना बाकी है। यदि फिर भी बारिश नहीं होती तो सूखे का मूल्यांकन कर रिपोर्ट उच्च अधिकारियों को भेज दी जाएगी, ताकि किसानों को राहत दी जा सके।