अब गांवों में चलेंगी 200 नई प्राइवेट बसें

ओवरलोडिंग पर लगेगी लगाम; 124 रूट्स के लिए मांगे आवेदन, 300 ने किया अप्लाई

 शिमला —ग्रामीण क्षेत्रों में बसों की समस्या दूर करने के लिए अब सरकार प्राइवेट ऑपरेटरों को आगे लाएगी। जहां एक तरफ एचआरटीसी अपनी लगभग सभी बसें सड़कों पर उतार चुकी है, वहीं ओवरलोडिंग की समस्या खत्म करने के लिए प्राइवेट ऑपरेटरों का सहयोग लिया जाएगा। इन्हें 200 ग्रामीण रूट दिए जाएंगे और नई बसें प्रदेश में चलेंगी। इस संबंध में सरकार ने फैसला ले लिया है और बहुत जल्द गांवों में समस्या दूर हो जाएगी। प्राइवेट ऑपरेटर खुद चाहते हैं कि उन्हें नए रूट मिलें, लिहाजा उन्होंने आवेदन भी कर रखे हैं। संबंधित इलाकों के बेरोजगारों को रूट आबंटन में सरकार प्राथमिकता दे सकती है। 124 प्राइवेट रूट आबंटन को लेकर सरकार ने आवेदन मांगे हैं। इन रूटों पर बसें चलाने के लिए 300 ऑपरेटरों ने आवेदन किया है। परिवहन विभाग के प्रधान सचिव जेसी शर्मा ने  बताया कि जल्द ही 82 और रूटों पर बसें चलाने के लिए सरकार आवेदन मांगेगी। इससे पहले मामले पर कैबिनेट की बैठक में चर्चा होगी, जिसके लिए प्रस्ताव बन गया है। प्रदेश में परिवहन निगम की करीब 3150 बसें 2573 रूटों पर चल रही हैं। इसके अलावा लगभग इतनी ही प्राइवेट बसें भी इन रूटों पर दौड़ रही हैं। बावजूद इसके प्रदेश के ग्रामीण सड़क रूटों पर बसों की कमी के चलते ओवरलोडिंग की समस्या है। बंजार हादसे का मुख्य कारण बस में तकनीकी खराबी के साथ-साथ ओवरलोडिंग भी थी। साथ ही राज्य में सड़कों का नेटवर्क लगातार बढ़ता जा रहा है। सड़क नेटवर्क बढ़ने से ग्रामीण इलाकों से नई बस सेवाएं शुरू  करने के आवेदन भी सरकार को आ रहे हैं। ग्रामीण इलाकों में ओवरलोडिंग की समस्या दूर करने के साथ-साथ लोगों को परिवहन सुविधा प्रदान करने के मकसद से सरकार ने नए बस रूटों पर बसें चलाने का फैसला लिया है। बहरहाल, अगर यह योजना सिरे चढ़ती है, तो ओवरलोडिंग से छुटकारा मिल पाएगा।

जिलाधीशों से मांगी रिपोर्ट

जिला उपायुक्तों से बस रूटों को लेकर रिपोर्ट मंगवाने के साथ-साथ परिवहन विभाग के अपने सर्वेक्षण के बाद रूटों के आबंटन का फैसला सरकार ने लिया है। नए रूटों पर बस सेवाएं शुरू करने के अलावा मैक्सी कैब अथवा बेरोजगारों को छोटे वाहनों के लिए परमिट देने की भी सरकार की योजना है। तमाम कवायद का मकसद हादसों पर नकेल कसना तथा लोगों को बेहतर यातायात सुविधा प्रदान करना है। परिवहन विभाग जल्दी ही प्रक्रिया पूरी कर देगा, जिससे यहां पर ओवरलोडिंग खत्म हो सके। शहरी क्षेत्रों में खुद एचआरटीसी व्यवस्था को सुदृढ़ करेगी।