अब ग्रामीण परिवार-संस्थाओं को देना होगा स्वच्छता टैक्स

बिलासपुर —कूड़े-कचरे के उचित निष्पादन के लिए अब सभी ग्राम पंचायतें आगामी 15 दिनों में स्थानीय आवश्यकता अनुसार आवश्यक रूप से कचरे को घर-घर से एकत्रित करना सुनिश्चित करेंगी ताकि कोई भी व्यक्ति व संस्थान खुले में कचरा न फेंके। यह खुलासा सोमवार को ग्रामीण विकास विभाग निदेशालय हिमाचल प्रदेश शिमला के तत्त्वावधान में जिला ग्रामीण विकास अभिकरण कार्यालय बिलासपुर के मीटिंग हाल में 23 चयनित ग्राम पंचायतों के लिए जीरो वेस्ट पर आयोजित एकदिवसीय कार्यशाला मंे ग्रामीण विकास विभाग शिमला के संयुक्त सचिव ज्ञान सागर नेगी ने किया है। नेगी ने पंचायत प्रतिनिधियों और सचिवों को जागरूक करते हुए बताया कि ग्राम पंचायतें तुरंत प्रभाव से स्थानीयवासियों, क्षेत्र में पड़ने वाले व्यावसायिक प्रतिष्ठानों जैसे होटलों, ढाबों, कारखाने व सरकारी संस्थाओं के प्रतिनिधियों के साथ बैठक कर उन्हें ठोस एवं तरल कचरा प्रबंधन के बारे में जागरूक करेंगी तथा सभी को इस दिशा में उचित कदम उठाने के लिए सहयोग करने के लिए प्रेरित करेंगी। उन्होंने बताया कि ग्राम पंचायतें सभी परिवारों एवं संस्थाओं से स्वच्छता कर वसूल करेंगी और घर से कूड़ा एकत्रित करने वाले कर्मचारियों का मानदेय स्वच्छता कर से एकत्रित होने वाली राशि से किया जाएगा, जबकि आवश्यकता पड़ने पर 14वें वित्त आयोग से भी मानदेय वहन किया जा सकेगा।  इस अवसर पर उपनिदेशक एवं परियोजना अधिकारी संजीत सिंह ने जिला में चल रहे ठोस एवं तरल कचरा प्रबंधन के कार्यों की विस्तृत जानकारी दी। कार्यशाला में जिला के समस्त खंड विकास अधिकारी, कनिष्ठ अभियंता, खंड समन्वयक तथा 23 ग्राम पंचायतांे के प्रधान, उपप्रधान, पंचायत सचिव और निदेशालय के अधिकारियों व कर्मचारियों ने भी भाग लिया।

सड़क-पेयजल स्रोत से दूर बनानी होगी डंपिंग साइट

एक खास बात यह है कि ग्राम पंचायतें अपने क्षेत्र में सड़क व पानी के स्रोत से दूर किसी उचित जगह को डंपिंग साइट के तौर पर चिन्हित करना सुनिश्चित करेंगी, जहां पर निष्क्रिय सामग्री का निष्पादन किया जा सकें। ग्राम पंचायतें यह भी सुनिश्चित करेंगी कि भविष्य में कोई भी व्यक्ति व संस्थान खुले में कचरा न फेंके।

कांगड़ा की आईमा पंचायत प्रधान ने दी अपनी प्रेजेंटेशन

कार्यशाला में प्रधान ग्राम पंचायत आईमा जिला कांगड़ा ने अपनी ग्राम पंचायत में ठोस एवं तरल कचरा प्रबंधन में किए गए सराहनीय कार्यों की प्रस्तुति दी। ठोस एवं तरल कचरा प्रबंधन के विशेषज्ञ डा. अग्रवाल ने जीरो वेस्ट के बारे में विस्तारपूर्वक जानकारी दी। सभी पंचायतों को ग्राम पंचायतों को जीरो वेस्ट बनाने  लिए 15 दिन की समय सीमा दी गई।