ऑरिजनल टैग से ट्रेस होगा संदेश
प्रोफेसर ने मद्रास हाई कोर्ट से कहा है कि व्हाट्सऐप मैसेजेस पर ओरिजनल आइडेंटीफिकेशन टैग बिना इसके एनक्रिप्शन को किसी भी तरह का नुकसान पहुंचाए लगाया जा सकता है। उन्होंने कोर्ट की डिवीजन बेंच से कहा कि यह तभी संभव है जब व्हाट्सऐप अपने प्रोडक्ट डिजाइन में कुछ बदलाव करे और कोई भी मैसेज फॉरवर्ड होने की स्थिति में ओरिजनेटर का नंबर भी शामिल हो। प्रोफेसर का कहना है कि इसके लिए व्हाट्सऐप को किसी भी स्तर पर यूजर्स के मैसेज पढ़ने की जरूरत नहीं होगी। व्हाट्सऐप यूजर्स के मेसेज ट्रेस करने को प्रिवेसी के उल्लंघन के तौर पर देखता है और प्रोफेसर का सुझाव प्रिवेसी का पूरा ध्यान रखता है।
भारत है व्हाट्सऐप की सबसे बड़ी मार्केट
वी कामाकोटि ने कहा कि व्हाट्सऐप प्रिवेसी-सेंटर्ड संगठन होने का दावा नहीं कर सकता क्योंकि प्लेटफार्म पर बिना सहमति लिए यूजर्स किसी को भी मैसेज भेज सकते हैं। केस से जुड़ी बाकी पार्टीज में फेसबुक, गूगल, ट्विटर और यूनियन के अलावा तमिलनाडु सरकार भी शामिल है। बता दें, व्हाट्सऐप भारत में सबसे अधिक ज्यादा यूज करने वाली सोशल मीडिया साइट है जिसको करीब 30 करोड़ से ज्यादा लोग यूज करते हैं।