आखिर जाहू की अनदेखी क्यों

भोरंज—भोरंज के जाहू कस्बा को हिमाचल प्रदेश का मध्य कहा जाता है और जाहू में जहां कभी हिमाचल की राजधानी बनाने, तो कभी एयरपोर्ट बनाने के सपने लोगों को विभिन्न सरकारों द्वारा दिखाए जाते हैं। आज विकास को जो विकसित शहरों का होना चाहिए उसके लिए तरस गया है। तेजी से व्यापारिक रूप से उभरता जाहू कस्बा तीन जिलों का संगम भी कहलाता है। यहां हजारों लोग प्रतिदिन रोजमर्रा के सामान लेने और जाहू से होकर गुजरते हैं, लेकिन आज भी जाहू जैसे कस्बे का विकास जिस प्रकार शहरों का विकास होता है उस प्रकार से नहीं हो पाया है। कहने को जाहू में अनाज व सब्जी मंडी भी है, लेकिन यह भी सफेद हाथी बनी हुई है और बंद रहती है, जिसका फायदा भी स्थानीय किसानों व लोगों को नहीं मिल पा रहा है। गौरतलब है कि जाहू में करीब 2000 कनाल राजस्व विभाग के रिकॉर्ड के अनुसार सरकारी भूमि है। यह भूमि बिखरी व अलग-अलग जगह पर है। जाहू में उद्योग विभाग सीर खड्ड के किनारे औद्योगिक केंद्र स्थापित करने के लिए दो बार सर्वे भी कर चुका है, लेकिन इसके बावजूद यह कवायद आगे नहीं बढ़ पाई है। हालांकि मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर के भोरंज विस क्षेत्र के दौरे में स्थानीय विधायक कमलेश कुमारी ने क्षेत्र में आईटी पार्क खोलने की मांग की थी। जाहू के लोगों का मानना है कि प्रदेश में कोई भी सरकार हो हमेशा से जाहू क्षेत्र का मंडी, हमीरपुर व बिलासपुर जिलों के लोगों की भावनाओं से खिलवाड़ होता है और यह क्षेत्र राजनीति का शिकार होता आ रहा है। गौरतलब है कि वर्ष 2014 में जाहू से मंडी जिला को जोड़ने वाला पुल जो सीर खड्ड की भीषण बाढ़ में बह गया था। पांच वर्षों बाद अभी भी बनकर तैयार नहीं हुआ है, जिससे जाहू कस्बे के विकास का आंकलन किया जा सकता है। कहने को तो जाहू में बस अड्डा भी है, लेकिन वहां भी व्यवस्था में कमियों के कारण वह हमेशा सुर्खियों में बना रहता है। क्षेत्र के लोगों के मन मंे हमेशा ये बात उठती है कि आखिर कब सरकार व प्रशासन का ध्यान जाहू के विकास की ओर जाएगा। स्थानीय पंचायत प्रधान राजू, चमन, सुनील, अजय, राजन, विजय, संदीप, संजू, मंजू, काकू, विनय, पवन, नीतिश, राजीव, नीता, संजय, कुलदीप इत्यादि ने भोरंज की विधायक कमलेश कुमारी, सांसद अनुराग ठाकुर व प्रदेश मुख्यमंत्री जय राम ठाकुर से जाहू कस्बे के विकास को गति देने की मांग की है।