उद्योग लगाने के लिए 45 दिन में मंजूरी

By: Jul 24th, 2019 12:04 am

सिंगल विंडो कमेटी का स्वरूप बदला, सात दिन में पूरी करनी होंगी विभागों को औपचारिकताएं

शिमला —हिमाचल में अब उद्योगों को 45 दिन में अनुमति मिलेगी। सरकार यहां पर निवेशकों को बड़ी राहत देते हुए इस अवधि में सभी तरह की मंजूरियां प्रदान करेगी। इसके लिए कुछ शर्तें भी सरकार ने रखी हैं। मंगलवार को सरकार की ओर से एक अधिसूचना जारी कर दी गई है, जिसमें सिंगल विंडो क्लीयरेंस एंड मॉनिटरिंग अथॉरिटी का स्वरूप बदला गया है। हाल ही में सरकार ने नई उद्योग नीति यहां पर लागू की है जिसके प्रावधानों को सही तरह से अंजाम देने के लिए सिंगल विडो कमेटी काम करेगी।  मुख्यमंत्री कमेटी के चेयरमैन रहेंगे। इसमें प्रावधान किया गया है कि उद्योगों के लिए अब ई-ऑवेदन लिए जाएंगे और निवेशकों को 45 दिन के भीतर मंजूरी से जुड़ी सभी औपचारिकताएं पूरी कर दी जाएंगी। पहले इस तरह की व्यवस्था नहीं थी और विभाग यूं ही निवेशकों को घुमाते रहते थे। सिंगल विंडो के पास आने वाले प्रस्ताव को इन्वेस्टीबल प्रोजेक्ट माना जाएगा। उद्योग निदेशक के अधीन कॉमन एप्लीकेशन फोरम में अप्लाई किया जाएगा। सिंगल विंडो कमेटी के नोडल अफसर के पास जो प्रस्ताव आएंगे, वह उसे एग्जामिन करेंगे जिसके बाद वह ई-प्रणाली के माध्यम से ही संबंधित विभाग के नोडल अधिकारी को भेजेंगे। इसमें बिजली बोर्ड, प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड, आईपीएच, वन विभाग, आबकारी एवं कराधान, श्रम एवं रोजगार व अन्य कुछ विभागों को यह प्रस्ताव जाएंगे। सभी विभागों को सात दिनों के भी इन प्रस्तावों पर अपने कमेंट्स देने होंगे, जिसमें वह प्रोजेक्ट एप्रूव करते हैं या नहीं या फिर किन कारणों से अप्रूव नहीं करते इसका ब्यौरा देना होगा। अप्रूवल के  बाद उस विभाग का नोडल अधिकारी सिंगल विंडो को यह प्रस्ताव भेजेगा। इसके बाद यह प्रस्ताव सब-कमेटी के पास जाएंगे, जिसमें निदेशक उद्योग चेयरमैन हैं और निदेशक नगर नियोजन, ईएनसी आईपीएच, चीफ इंजीनियर कमर्शियल बिजली बोर्ड, सदस्य सचिव प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड व दूसरे संबंधित विभागाध्यक्ष शामिल हैं। यहां से 15 दिन के भीतर प्रस्ताव को सिंगल विंडो कमेटी को भेजे जाने जरूरी है। यदि विभाग एप्रूवल नहीं देना चाहते हैं तो भी उन्हें इसके संबंध में विस्तृत तौर पर बताना होगा कि उसमें क्या दिक्कत है।

सिंगल विंडो का स्वरूप

सिंगल विंडो क्लीयरेंस एंड मॉनिटरिंग कमेटी में मुख्यमंत्री अध्यक्ष रहेंगे, जिनके अलावा उद्योग मंत्री उपाध्यक्ष होंगे। सदस्यों में मुख्य सचिव, प्रशासनिक सचिव ऊर्जा, राजस्व, पर्यावरण विज्ञान एवं प्रोद्योगिकी, वन, उद्योग, श्रम एवं रोजगार, नगर नियोजन, शहरी विकास, आईपीएच, संबंधित विभाग के सचिव, संबंधित विभागों के विभागाध्यक्ष शामिल रहेंगे वहीं निदेशक उद्योग को इसका सदस्य सचिव बनाया गया है। इसमें विशेष अतिथी के रूप में प्रबंध निदेशक बिजली बोर्ड, ईएनसी आईपीएच, सदस्य सचिव प्रदूषण बोर्ड को रखा गया है।

यहां हो सकते हैं शो

मुख्यमंत्री ने कहा कि कुल्लू के पास मोहाल नेचर पार्क, मनाली के निकट बड़ागाह और शिमला रिपोर्टिंग रूम जैसे कुछ स्थान हैं, जहां शो आयोजित किए जा सकते हैं। राज्य सरकार शिमला के भारतीय उच्च अध्ययन संस्थान में भी ऐसी गतिविधियां आयोजित करने के लिए केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्रालय से मामला उठा सकती


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