एससीए चुनाव बहाली पर अड़े छात्र संगठन

शिमला—हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय में पिछले पांच सालों से एससीए चुनाव पर लगी रोक से छात्रों संगठनों में काफी रोष है।  एसएफआई ने छात्र संघ चुनावो की बहाली के लिए सोमवार को मुख्यमत्री को ज्ञापन सौंपा गया। एसएफआई हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय इकाई ने विश्वविद्यालय प्रशासन,कुलपति व प्रदेश सरकार का लगातार छात्रों की समस्यायों को नज़रंदाज़ करने पर, लगातार छात्र विरोधी फरमान जारी करने के विरोध में समरहिल चौक पर  मुंह पर काली पटिया बांधकर विरोध प्रदर्शन किया। सुबह से ही एसएफआई के छात्र हाथो में विभिन्न मांगो को प्रदर्शित करते पोस्टर पकड़कर खड़े रहे। कैंपस सचिव जीवन ठाकुर ने  कि आज विश्वविद्यालय अपना स्थापना दिवस समारोह मना रहा है ,ओर दूसरी ओर छात्र मांगो को लेकर आंदोलनरत है। छात्रों ने प्रदर्शन का अनूठा रूप दिखाया ,चुकी कुलपति ने कैंपस में तानाशाह एजेंडा लागू कर धरने प्रदर्शन पर पूर्ण रूप से प्रतिबन्ध लगा रखा है। छात्र मुख्यत कैंपस में छात्र संघ चुनाव की बहाली की मांग कर रहे है क्योंकि लगातार कैंपस में लोकतांत्रिक मूल्यों का हनन  हो रहा है। कैंपस में भ्रष्टाचार अपनी चरम सीमा पर है । पी एच डी  के अंदर अवैध रूप से फर्जी प्रवेश  हो रहा है । एस एफ आई ने प्रशासन के सामने  पुख्ता सबूत पेश भी किए लेकिन प्रशासन अपने  चहेते अधिकारियों को सरंक्षण दे रहा है । स्थापना दिवस के अवसर पर एस एफ आई ने मुख्यमंत्री को भी मांग पत्र सौंपकर छात्र मांगो को उठाया। एस एफ आई ने  मांगपत्र के माध्यम से एस सी ए  चुनाव को जल्द बहाल करने की मांग की। इसके साथ साथ एसएफआई के छात्रों से हो रहे सौतेले व्यवहार को भी प्रमुखता से उठाया । कुलपति विशेष विचारधारा को सरंक्षण दे रहे है। जिसका जीता जागता प्रमाण पिछले कल एबीवीपी के छात्रों का निष्काशन बहाली करना है। हालांकि एसएफआई निष्काशन बहाली के विरोध में नहीं है,लेकिन विचारधारा को निष्काशन बहाली का पैमाना बनाना आखिर कहां तक जायज है? एस एफ आई के सात छात्र पिछले पांच सालों से निष्कासित है । एसएफआई ने मांग की है कि इन छात्रों का निष्कासन भी जल्द से जल्द बहाल किया जाए। कैंपस में विभिन्न विभागों के प्राध्यापक संघ संबंधित छात्र संगठन के पदाधिकारियों में शामिल है। एसएफआई ने आरोप लगाए है कि कैंपस में बिना किसी डर के प्राध्यापक छात्र राजनीति में सरेआम हिस्सा ले रहे है। एस एफ आई मांग करतीं हैं कि ऐसे प्राध्यापको पर कड़ी कार्रवाई की जाए। कैंपस को धांधलियों का गढ़ बनाने वाले अधिकारियों पर भी एस एफ आई ने करवाई की मांग की है क्योंकि इन लोगो की वजह से शैक्षणिक स्तर में भारी गिरावट आई है ,साथ ही विश्विद्यालय की छवि भी धूमिल हो रही है। विश्वविद्यालय में छात्रावासो का आभाव है । प्रशासन सभी छात्रों को हॉस्टल सुविधा देने में नाकाम है। एस एफ आई नए हॉस्टलों के निर्माण की मांग करती हैं तथा वर्तमान में गर्ल्स होस्टल में बन्द हुई इंटर होस्टल आउटिंग तथा ब्वायज होस्टल के छात्रों को रात के समय लाइब्रेरी ना देने वाले निर्णय को जल्द वापिस लेने की मांग की है। कैंपस अध्यक्ष विक्रम ठाकुर ने कहा कि लंबे समय से इन्हीं मांगो को प्रमुखता से प्रशासन के समक्ष उठाया था, लेकिन फिर भी अभी तक प्रशासन ने कोई भी सकारात्मक पहल नहीं  की। बल्कि आवाज़ उठाने वाले छात्रों को प्रताडि़त करने में ही ध्यान दिया। प्रदेश के मुख्यमंत्री से उम्मीद करते है कि इन मांगो पर जल्द से जल्द छात्र हितेशी पहल को अंजाम दिया जाएगा।