क्यों बने ये हालात
दरअसल, अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने बताया है कि कि अमेरिका के एक युद्धपोत ने होरमुज जलमरुमध्य में एक ईरानी ड्रोन को नष्ट कर दिया है. ट्रंप ने बताया कि अमेरिकी नौसेना के एक युद्धपोत यूएसएस बॉक्सर ने उससे 1,000 यार्ड के अंदर उड़ रहे एक ड्रोन को कई चेतावनियां दीं, लेकिन नजरंदाज किए जाने पर युद्धपोत ने उसे उड़ा दिया. यही वजह है कि कच्चे तेल के भाव बढ़ गए.
बता दें कि पिछले चार सत्रों में ब्रेंट के भाव में तकरीबन चार डॉलर प्रति बैरल की गिरावट रही. ब्रेंट का भाव जहां सप्ताह की शुरूआत में 66 डॉलर प्रति बैरल से उपर चल रहा था वहां गुरुवार को 61.30 डॉलर तक लुढ़कने के बाद 62.55 डॉलर प्रति बैरल पर बंद हुआ.
आगे भी रहेगी तेजी!
एंजेल ब्रोकिंग के डिप्टी वाइस प्रेसिडेंट (इनर्जी व करेंसी रिसर्च) अनुज गुप्ता के मुताबिक कच्चे तेल के दाम में पिछले दिनों मांग में नरमी के कारण गिरावट रही और मांग में अभी कोई तेजी नहीं आई है, लेकिन खाड़ी क्षेत्र में अमेरिका-ईरान के बीच तनाव गहराने से कच्चे तेल के भाव को सपोर्ट मिलता रहेगा. उन्होंने कहा कि उधर अमेरिका में ब्याज दरों में कटौती के संकेत मिलने से डॉलर में आई कमजोरी के बाद निवेशक डॉलर के बजाय कच्चे तेल के निवेश उपकरणों में निवेश कर सकते हैं.