कर प्रणाली को सरल बनाएं

By: Jul 6th, 2019 12:03 am

 डा. विनोद गुलियानी, बैजनाथ

नोटबंदी का साहसिक निर्णय और बाद में जीएसटी तथा आयकर द्वारा बहुत सा धन का परिचालन में आना ही मुख्य रहा है। अतः जीएसटी प्रणाली को और सरल बनाना चाहिए। वर्षभर हिसाब-किताब में उलझे व्यापारियों को इससे निजात मिलनी चाहिए, ताकि वे अपना व्यापार बढ़ाने की सोच सकें। एकमुश्त टैक्स फैक्टरी में ही लगा देना चाहिए, हां फैक्टरी से निकासी पर कड़ी ईमानदार दृष्टि भी चाहिए। हिसाब-किताब की जरूरत न हो। क्या आयकर समाप्त नहीं किया जा सकता? व्यापारी वर्ग को प्रतिदिन अपनी प्राप्तियों को जमा करवाने को प्रेरित किया जाए। ब्याज दर कम की जाए और ब्याज अंतर सीधा सरकारी खाते में जाए। सरकारी कर्मचारियों, जिन्हें 16-ए, 26-एएस तथा आयकर भरने है, को अपना  समय व्यर्थ गंवाने से छुटकारा मिलना चाहिए।

 


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