कहीं खिसक रहे पहाड़, कहीं सूखे की मार

मंडी—गत सप्ताह मंडी मंे जिस्मफरोशी के एक और धंधे का खुलासा हुआ है। मंडी शहर में एक महीने के अंदर ही एक बार फिर से एक और सेक्स रैकेट का पर्दाफाश हुआ है। शहर में किराए के कमरे में यह सेक्स रैकेट चलाया जा रहा था, लेकिन पुलिस ने इसका भंडाफोड़ कर दिया। मामले में दो महिलाओं को रेस्क्यू किया गया है। मंडी शहर में वेश्यावृति के धंधे का भंडाफोड़ होने के बाद मंडी पुलिस की जांच आगे बढ़ गई है। पुलिस द्वारा बीस दिन में ही दूसरा ऐसा मामला पकड़ने के बाद इस धंधे से लोगों के होश उड़ गए हंै।

मंडी में सितम ढहाने लगी बारिश

हालांकि अभी तक मंडी में बारिश काफी कम हुई है, लेकिन एक-दो दिन हुई बारिश ने अपना सितम ढहा दिया है। बरसात के साथ मंडी से मनाली नेशनल हाई-वे की पहाडि़यां खिसकना शुरू हो गइर्ं। इससे उक्त मार्ग काफी घंटे तक बाधित रहा। यातायात को सुचारू रूप से चलाने के लिए वाहनों को वाया कटौला भेजा गया। बारिश से जहां मंडी शहर के साथ लगती दूदर पंचायत के राजकीय प्राइमरी स्कूल की छत गिर गई। गनीमत यह रही कि इन दिनों स्कूल में छुट्टियां चली हुई हैं और बड़ा हादसा होने से टल गया। इसके अलावा जालंधर-मनाली एनएच-70 पर पाराछू के निकट टौरी नाले के पास भू-स्खलन होने से मार्ग करीब तीन घंटे अवरुद्ध रहा।

कालेजों में छात्र संगठनांे का प्रदर्शन

गत सप्ताह मंडी जिला के कालेजों में छात्र संगठनों ने मांगों को लेकर आवाज बुलंद कर दी है।  राजकीय वल्लभ कालेज मंडी में एनएसयूआई ने मांगों को पूरा न करने पर धरना प्रदर्शन किया। इस दौरान प्रदेश सरकार व कालेज प्रशासन के खिलाफ  जमकर नारेबाजी की। इसके उपरांत एनएसयूआई कार्यकर्ता कालेज प्राचार्य के कार्यालय पहुंचकर घेराव भी किया। इसके अलावा सरकाघाट सहित अन्य कालेज में भी समस्याओं को लेकर प्रदर्शन किया गया।

 विदेश भेजने के नाम पर ठगे युवा

गत सप्ताह सुंदरनगर उपमंडल में विदेश भेजने के नाम पर एक दर्जन से अधिक युवा कबूतरबाजी का शिकार हुए हैं। कुछ युवकों से लाखों रुपए ठग कर उन्हें टूरिस्ट बीजा पर ही विदेश भेज दिया, लेकिन जब युवक कोलंबो पहंुचे तो टिकट व बीजा देखकर भौचक्के रह गए। कुल मिलाकर 13 से अधिक युवक विदेश भेजने के नाम पर लाखों रुपए की ठगी का शिकार हुए। उक्त मामले को लेकर जांच जारी है।

12 महीने बाद मिली लिफ्ट की सुविधा

गत सप्ताह सरकाघाट में स्थित संयुक्त कार्यालय भवन में निर्मित लिफ्ट को आखिर 12 महीनों बाद आपरेटर मिल ही गया। पीडब्ल्यूडी के इलेक्ट्रिक विंग ने लंबी प्रक्रिया के बाद लिफ्ट को एसडीएम को ओवरहैंड कर दिया। सभी औपचारिकताएं पूरी करने के उपरांत एसडीएम सरकाघाट बालकृष्ण ने लिफ्ट का शुभारंभ किया। उक्त मामले को ‘दिव्य हिमाचल’ समाचार पत्र द्वारा प्रमुखता से उठाया था।

किसान की बेटी ने चमकाया नाम

अपनी बुआ से पे्ररणा लेकर सरकाघाट के भद्रोता क्षेत्र की खाहन पंचायत के गरीब किसान की बेटी शिवांगी चौहान डाक्टर बनेगी। शिवांगी चौहान पुत्री मनोहर लाल चौहान गांव चाहड डाकघर खाहन का एमबीबीएस में चयन हुआ है। अब वह टांडा मेडिकल कालेज में डाक्टरी की पढ़ाई शुरू करेगी। शिवांगी के चयन पर पूरे क्षेत्र भर में खुशी का माहौल है। शिवांगी के पिता एक किसान हंै और गरीब परिवार से संबंध रखते हैं। शिवांगी  को डाक्टर बनने की प्रेरणा उसकी बुआ रमना, जो आईआईटी कमांद में प्रोफेसर हैं, से मिली है। जिसने अपने खर्चे से उसे जमा दो बाद चंडीगढ़ के एक निजी कोचिंग सेंटर में कोचिंग दिलवाई थी।

 

मंडी में हेल्पलाइन नंबर

 उपायुक्त कार्यालय के लिए संपर्क नंबर-01905222355     व्हाट्स ऐप नंबर-7650025201   गुमशुदगी की शिकायत-9459100100 0 चाइल्ड हेल्पलाइन- 1098   गुडि़या हेल्पलाइन-1515   होशियार हेल्पलाइन-109

मंडी के स्कूलों को स्कूल-स्पोर्ट्स ग्रांट जारी

गत सप्ताह समग्र शिक्षा के तहत मंडी जिला के प्रारंभिक स्कूलों को स्कूल व स्पोर्ट्स ग्रांट जारी की गई। स्कूलों, बीआरसीसी, सीआरसी व टीएलएम को मिलाकर समग्र शिक्षा के तहत करीब छह करोड़ 76 लाख 32 हजार 500 रुपए ग्रांट स्कूलों को जारी की गई है, जो कि गुणवत्ता आधारित शिक्षा के लिए महत्त्वपूर्ण भूमिका अदा करेगी । उक्त बजट से स्कूलों में पेश आ रही कमियों को दूर किया जाएगा। जिला मंडी के यू-डाइस डाटा के अनुसार जिला मंडी की कुल 2450 पाठशालाओं, 383 संकुल केंद्रों व 20 खंड स्रोत समन्वयक केंद्रों के लिए सत्र 2019-20 के लिए प्रस्तावित की गई अनुदानों पर पीएबी द्वारा की गई।

जुलाई बीतने को, सूखे खेतों में रोपे धान

इस बार मंडी जिला में धान की फसल की रोपाई करीब 15-20 प्रतिशत कम हुई है। कम बारिश के चलते किसानों की चिंता बढ़ गई है। बल्ह क्षेत्र के भड़याल, बैहना तथा चंदयाल पंचायत में इस बार मानसून की बेरुखी से जो हालात पैदा हुए हैं, उससे किसान परेशान हैं। इन दिनों इस क्षेत्र में धान की फसल पानी से भरे खेतों में शान से लहलहाती थी, लेकिन इस बार बारिश न होने से धान रोपाई के लिए भी खेतों में पानी उपलब्ध नहींं हो पाया है। इससे कई किसान जुलाई के अंतिम सप्ताह में भी सूखे खेतों में ही धान की पौध की रोपाई कर रहे हैं।