कुपवी विकास खंड खाली-खाली

नेरवा-पंचायती राज के कार्यों को अंजाम देने और प्रदेश एवं केंद्र की योजनाओं को पंचायतों में अमली जामा पहनाने वाले किसी खंड विकास कार्यालय में यदि कर्मचारियों के एक दो नहीं बल्कि 15 यानि 50 फीसदी पद रिक्त पड़े हो तो इस विकास खंड में पंचायतों के माध्यम से किए जाने वाले कार्यों के क्रियान्वयन का अंदाजा सहज ही लगाया जा सकता है। यहां बात की जा रही है जिला शिमला के पिछड़े क्षेत्र के कुपवी विकास खंड की।  यह विकास खंड एक तो पहले ही पिछड़ेपन का दंश झेल रहा है। ऊपर से कर्मचारियों की कमी से यहां के विकास को ग्रहण लग गया है।  इस विकास खंड के तहत कुपवी तहसील की 14 पंचायतें आती हैं।  इन पंचायतों की भौगोलिक परिस्थिति अति विकट है एवं इन पंचयतों में केंद्र और प्रदेश की सैंकड़ों योजनाएं चल रही है, परंतु इन योजनाओं का क्रियान्वयन खंड विकास कार्यालय,  पंचायतों और फील्ड में स्टाफ की कमी के चलते बुरी तरह प्रभावित होकर रह गया है। विकास खंड के तहत इस समय कार्यालय अधीक्षक के एक पद, वरिष्ठ सहायक का एक पद,  क्लर्क का एक, सीबीपीओ के एक, एलएसईओ का एक, एलवीडीसी का एक, पंचायत निरीक्षक का एक, उपपंचायत निरीक्षक का एक,  आईटी का एक, पंचायत सहायक एक, पंचायत सचिव के दो, ग्राम रोजगार सेवक का एक, एसबीएम का एक एवं चपड़ासी का एक पद अरसे से खाली पड़ा हुआ है। पंचायत प्रतिनिधियों का कहना है कि खंड विकास कार्यालय में भारी मात्रा में रिक्त पदों के चलते पंचायतों और खंड विकास कार्यालय में होने वाले विभिन्न कार्य पूरी तरह ठप हो कर रह गए हैं। ग्राम पंचायत जुडु शिलाल (कुपवी) के प्रधान छज्जू राम व ग्राम पंचायत भालू के प्रधान विपन कुमार ने मुख्यमंत्री जयराम से मांग की है कि कुपवी खंड विकास कार्यालय में रिक्त पड़े सभी पदों को शीघ्र भरा जाए, ताकि यहां के 14 पंचायतों के चल रहे विभिन्न कार्य सुचारू रूप से चल सकें।