कुमारहट्टी हादसा…सेना के जवानों से ली जानकारी

विशेष टीम ने पूछताछ कर जाने दर्दनाक हादसे के कारण, 15 दिन में सौंपी जानी है रिपोर्ट

सोलन -कुमारहट्टी में पिछले रविवार को हुए दर्दनाक हादसे के बाद विशेष जांच टीम ने शनिवार को सेना के जवानों से हादसे के बारे जानकारी ली है। सूत्रों के अनुसार जानकारी हासिल करने के साथ सेना के कई प्रकार के सवालों की पूछताछ भी की गई है। बताया जा रहा है कि हादसे में मृतक 13 जवानों में सात सैनिक असम के थे, जबकि मणिपुर के तीन, हरियाणा के दो और एक उत्तर प्रदेश के सैनिक ने इस हादसे में अपनी जान गंवाई। जानकारी के अनुसार विशेष जांच टीम ने डगशाई में जवानों से यह पूछताछ की है। इस दौरान उन्होंने इससे संबंधित कई प्रकार का रिकॉर्ड भी खंगाला गया।  बता दें कि कुमारहट्टी में हुए दर्दनाक हादसे में विशेष जांच टीम ने मौके पर पहुंच सुराग ढूंढ रही है। वहीं एसआईटी द्वारा हर प्रकार से मौके पर जाकर रैकी की जा रही। एसआईटी भूमि से जुड़े कई कागजात खंगालने शुरू कर दिए हैं। 15 दिन के अंदर इस हादसे की रिपोर्ट सौंपने के लिए गठित की गई टीमों ने कार्रवाई तेज कर दी है। भूमि से जुड़े हर एक मामले की गहनता से जांच कर टीम द्वारा रिपोर्ट को तैयार कर रही है ताकि चार मंजिला इमारत के गिरने के कारणों का पता चल सके। गौरतलब हो कि रविवार को सायं करीब तीन बजे कुमारहट्टी के रुंदन गांव में चार मंजिला इमारत ध्वस्त हो गई थी। इस दौरान इमारत के तीसरे फ्लोर पर चल रहे सहज तंदूरी ढाबा में 30 से अधिक सेना के जवान मौजूद थे। इसके अलावा 12 सिविलियन लोग भी इस बिल्डिंग में थे। बिल्डिंग के गिरने पर 42 लोग मलबे में फंस गए थे, जिन्हें लगभग 24 घंटे बाद एनडीआरएफ, सेना के जवान व प्रसासन की टीमों ने मिलकर निकाला था, लेकिन 42 लोगों में से 13 सेना के जवान सहित एक सिविलियन की जान चली गई थी। घटना के घटित होने पर मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने घटनास्थल का दौरा किया था और इस बिल्डिंग के गिरने के कारणों का पता लगाने के लिए मजिस्ट्रेट जांच के आदेश दिए थे और इसकी रिपोर्ट 15 दिन में सौंपने को कहा था। मजिस्ट्रेट जांच के लिए बनी टीम ने एसआईटी का गठन किया था, जिन्होंने पहले तो घटनास्थल पर जा मिट्टी व अन्य नमूने एकत्रित किए थे, जिसकी आगामी जांच के लिए एफएसएल जुन्गा भेजा गया था। साथ ही बुधवार को विशेष जांच टीम ने राजस्व विभाग को पत्र लिखकर भूमि संबंधी ब्यौरा मांगा है और जल्द भूमि से संबंधित जानकारी देने की बात कही गई है। साथ ही एसआईटी ने भूमि किसकी थी? कब खरीदी थी? जैसे प्रश्नों के उत्तर मांगे गए हैं।