कुम्मारहट्टी-नाहन नेशनल हाई-वे पर जरा संभलकर

नैनाटिक्कर—यूं तो नैनाटिक्कर क्षेत्र की छोटी-बड़ी सड़कों की दयनीय स्थिति के कारण उन पर सफर करना जोखिमपूर्ण है ही, परंतु जैसे-जैसे बरसात का मौसम अपने चरम पर पहुंचता है वैसे वैसे ही स्थिति ओर भी जोखिमपूर्ण हो जाती है। जी, हां हम बात कर रहे हैं कुम्मारहट्टी-नाहन नेशनल हाई-वे की जिस पर आजकल बरसात के मौसम में गाड़ी चलाना किसी अत्यंत जोखिमपूर्ण कार्य से कम नहीं है। गौर हो कि सोलन, शिमला से हरिद्वार देहरादून जाने वाले लोग कुम्मारहट्टी-नैनाटिक्कर-सराहां-नाहन नेशनल हाई-वे से होकर ही जाते हैं तथा सबसे निकटतम मार्ग होने के चलते अच्छे खासे वाहनों का आवागमन इस मार्ग पर रहता है, परंतु इस बरसात के मौसम में इस मार्ग पर लगातार जगह-जगह मिट्टी पत्थर गिरने तथा लैंड स्लाइडिंग होने के कारण हादसों का खतरा मंडराता रहता है। गौर हो कि इसी कुम्हारहट्टी-नाहन नेशनल हाई-वे पर एक चार मंजिला ईमारत ढह गई थी, जिसमें लगभग 14 लोगों को अपनी जान गवानी पड़ी थी तथा कुछ दिन पूर्व पानवा के समीप बड़ी-बड़ी तथा भारी-भरकम चट्टानों के गिरने से नेशनल हाई-वे कुछ समय के लिए अवरुद्ध रहा था । वहीं इस संबंध में जब नेशनल हाई-वे के सराहां स्थित कार्यालय में सहायक अभियंता आरके खंडूजा से बात की गई तो उन्होंने बताया कि जल्द ही ऐसी जगहों पर जहां अत्याधिक लैंड स्लाइडिंग होती है वहां पर चेतावनी बोर्ड लगा दिए जाएंगे।