कैफे की खूबसूरती पर पुराने फर्नीचर का दाग

कुल्लू —जिला मुख्यालय स्थित पर्यटन निगम का सदियों पुराने मोनाल कैफे की तस्वीर तो बदल गई, लेकिन कैफे की तस्वीर बदलने के बाद अभी तक यहां पुराने फर्नीचर को नहीं बदला गया है। सदियों पुराने फर्नीचर से ही काम चल रहा है। गत दिनों मोनाल कैफे को रेनोवेट किया गया है। कैफे के अंदर रंग रोगन करने के  साथ-साथ किचन को भी रेनोवेट किया गया है। साथ ही अन्य जो भी कमी कैफे में थी, उन्हें भी सुधारा जा चुका है।  बदतर हालत में चल रहे शौचालय को नए तरीके से तैयार किया गया। मोनाल कैफे के बाहर सुंदर डिजाइन के पत्थर भी गड़े गए। कैफे का रंग भी बदला गया, लेकिन कुछ नहीं बदला तो वह है यहां का पुराना फर्नीचर।  पुराने फर्नीचर से यह कोई नहीं कह सकता है कि मोनाल कैफे को लाखों रुपए खर्च कर रेनोवेट किया गया है।  बता दें कि मोनाल कैफे की हालत काफी बदतर हो चुकी थी। पूर्व में रही कांग्रेस की सरकार में पर्यटन निगम के इस कैफे सहित पूरे भवन को नए सिरे से बनाने का प्रस्ताव सरकार ने पास किया था। विभाग की मानंे तो करीब पांच करोड़ का बजट भी पास हुआ था, लेकिन बीच में बजट आने के बाद वापस भी चला गया। कारण क्या रहे, इस पर अभी तक कोई स्थिति साफ नहीं कर पाया है। पर्यटन निगम की प्रबंध निदेशक कुमुद सिंह ने गत माह पूर्व अपने कुल्लू-मनाली दौरे के दौरान सभी होटलों का निरीक्षण किया। जहां पर आज उनके प्रयासों से आखिरकार मोनाल कैफे रेनोवेट तो हो पाया है। दिन के समय जहां पहले रेस्तरां खाली रहता था, वहीं आज यहां काफी भीड़ रहती है। ऐसे में अगर फर्नीचर को भी यहां बदल लिया जाए तो पर्यटन निगम का आने वाले समय में मोनाल कैफे भी सरवरी होटल की तरह कमाऊ पूत साबित होगा।