खाकी पहनने का सपना टूटा

गगरेट—पुलिस की वर्दी पहनकर कानून के रक्षक बनने के कई युवाओं के सपने को गहरा झटका लगा है। सत्रह जुलाई से जिले में हो रही पुलिस की भर्ती में भाग लेने के लिए जिन हजारों युवाओं ने आवेदन किया था उनमें से सैकड़ों युवा ऐसे हैं जिन्हें पुलिस महकमे द्वारा एडमिट कार्ड ही जारी नहीं किए हैं। इसकी वजह जहां तकनीकी खामी बताई जा रही है तो भर्ती देखने के इच्छुक युवाओं ने पुलिस के आला अधिकारियों से भर्ती देखने के इच्छुक युवाओं के लिए वैकल्पिक व्यवस्था करने की गुहार लगाई है। पुलिस में नए जवान भर्ती करने के लिए सत्रह जुलाई को जिले में भर्ती प्रक्रिया शुरू हो रही है। इस भर्ती प्रक्रिया में वही युवक भाग ले सकते हैं जिन्होंने इसके लिए ऑनलाइन आवेदन किए हैं। हालांकि ऑनलाइन आवेदन तभी स्वीकार्य किए जाने थे यदि साथ में इसकी फीस भी जमा होती। कई युवाओं ने जब ऑनलाइन आवेदन किए तो सर्वर की तकनीकी खराबी के चलते बिना फीस जमा हुए ही कई आवेदन स्वीकार्य हो गए। हालांकि इस तकनीकी गलती का पता आवेदनकर्ताओं को भी नहीं चला और युवा भर्ती को लेकर तैयारियों में जुट गए। अब जब भर्ती की तारीख नजदीक आई और कई युवाओं को जब एडमिट कार्ड ही नहीं मिले तो उनके चेहरों पर हवाइयां उड़ गईं। गगरेट के मनीष कुमार, बड़ोह के साहिल व सुर्यांश दत्ता ने बताया कि जब उन्होंने इस बावत एसपी कार्यालय में संपर्क किया तो उन्हें पता चला कि बिना एडमिट कार्ड वह भर्ती प्रक्रिया में भाग नहीं ले सकेंगे। जिला में अब तक ऐसे दो सौ युवा सामने आए हैं जिन्हें आवेदन करने के बावजूद एडमिट कार्ड नहीं मिले हैं। युवाओं का कहना है कि पुलिस महकमे के सर्वर की तकनीकी खामी का खामियाजा उन्हें भुगतना पड़ेगा। जबकि इस भर्ती प्रक्रिया के लिए उन्होंने पूरी तैयारी की है। उन्होंने पुलिस महकमे के आला अधिकारियों से गुहार लगाई है कि जिन अभ्यर्थियों की फीस जमा नहीं हो पाई है उन्हें एक मौका दिया जाए। उधर, एसपी दिवाकर शर्मा का कहना है कि ऐसे मामले अन्य जिलों में भी आए हैं। कोई तकनीकी खामी के चलते ही एडमिट कार्ड कुछ अभ्यर्थियों को नहीं मिले हैं। बिना एडमिट कार्ड के पुलिस भर्ती में भाग नहीं लिया जा सकता। फिर भी ऐसे अभ्यर्थी भर्ती कमेटी के चेयरमैन से मिल सकते हैं। वहीं, इस बारे में कोई निर्णय ले सकते हैं।