गाय के गोबर से बनाया धूप-हवन की लकड़ी

By: Jul 22nd, 2019 12:05 am

बिलासपुर—खुशहाल और समृद्ध जीवन की राह को सहज बनाने के लिए धैर्य व आत्म विश्वास से स्वरोजगार के क्षेत्र में अपनी सकारात्मक भूमिका का निर्वहन करती कविता गुप्ता न केवल महिलाओं के लिए प्रेरणा का स्रोत बनकर उभर रहीं हैं बल्कि पर्यावरण और वातावरण संरक्षण तथा इसे पवित्र बनाने के इनके प्रयास सृष्टि की सृजनकारी शक्ति की एक नयी पहचान को भी प्रदर्शित कर रही हैं। बिलासपुर जिला सदर विधानसभा क्षेत्र के कोठीपुरा गांव की कविता गुप्ता औद्योगिक क्षेत्र बिलासपुर में आदर्श कामधेनु एंटरप्राइजेज के नाम से घूप अगरबत्ती, हवन सामग्री और समधा इत्यादि 20 से भी अधिक उत्पाद निर्मित करके पर्यावरण के क्षेत्र में एक नए व अनूठे अध्याय का सूत्रपात कर रही हंै। यह अत्यंत सुखद आश्चर्य है कि उत्तरी भारत में कविता गुप्ता का उद्योग संस्थान मात्र एक ऐसा उत्पाद केंद्र है, जहां से तैयार होने वाले प्रत्येक उत्पाद में पर्यावरण तथा वातावरण में सात्विक, पवित्र, शुद्धता और सकारात्मक ऊर्जा अर्जित करने वाले देशी गाय के गोबर को किसी न किसी मात्रा में अवश्य प्रयोग में लाया जाता है। देशी गाय के गोबर को सुखाकर मशीन में पीसा जाता है, तेल, गुगल, लोबान, मोगरा और चंदन पाउडर इत्यादि को अलग-अलग अनुपात में मिश्रित करके मशीनों के माध्यम से तरह-तरह के पर्यावरण संरक्षण सहायक उत्पाद निर्मित किए जाते हंै। पेड़ों को कटने से बचाने के लिए कविता गुप्ता ने हवन कुंड में प्रयुक्त होने वाली लकड़ी के विकल्प के रूप में देशी गाय के गोबर से निर्मित लकड़ी (समधा) का उत्पाद तैयार किया है। इस समधा के हवन यज्ञ में प्रयोग करने पर जहां प्राणवायु अथवा आक्सीजन ही उत्पन्न होती है वहीं जीवन रक्षक प्रणाली भी सुदृढ़ होती है। खास बात यह है कि उत्तर भारत के प्रसिद्ध शक्तिपीठ श्रीनयनादेवी, ज्वालाजी और बगलामुखी इत्यादि बहुत से मंदिरों में इस समधा का प्रयोग किया जा रहा है। कविता गुप्ता को अपना धूप अगरबत्ती का व्यवसाय स्थापित करने के लिए प्रधानमंत्री रोजगार सृजन योजना के अंतर्गत 25 लाख रुपए की राशि प्राप्त हुई। जिस में से नौ लाख रुपए की राशि उपदान के रूप में मिली है। कविता गुप्ता का गोवंश के प्रति समर्पण लगन परिश्रम और पारंपरिक सद्भावना का प्रतिफल है कि वर्ष 2018 में तत्कालीन केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री राधा मोहन सिंह ने इन्हें गोकुल मिशन के तहत विश्व दुग्ध दिवस के मौके पर राष्ट्रीय कृषि विज्ञान भवन दिल्ली में पहाड़ी व उत्तर पूर्व क्षेत्र के राष्ट्रीय गोपाल रत्न अवार्ड का प्रथम पुरस्कार प्रदान करके इनकी उपलब्धियों को राष्ट्रीय स्तर पर पहचान दिलवाई।

श्वेत क्रांति की संवाहक भी बनीं कविता

श्वेत क्रांति की संवाहक कविता गुप्ता 25 गिरी नस्ल की देशी गउओं के अतिरिक्त सिंध की साहीवाल, राजस्थान की धारपारक और गुजरात की गिरस जर्सी इत्यादि 400 गोवंश के माध्यम से प्रतिदिन सात सौ से आठ सौ लीटर दूध का उत्पादन कर रही है। चार आउटलेट्स द्वारा उपभोक्ताओं को यह दूध उपलब्ध करवाया जा रहा है। दूध की गुणवत्ता और शुद्धता में उत्तमता के चलते निरंतर बढ़ रही मांग बिलासपुर के श्वेत क्रांति अभियान को बल प्रदान कर रही है।


Keep watching our YouTube Channel ‘Divya Himachal TV’. Also,  Download our Android App