चीख तक मारने का नहीं मिल पाया मौका

गोहर -छुट्टियां बिताने बुआ के घर आई चार साल की मासूम गुंजन व उसके परिजनों को क्या मालूम था कि शनिवार को उसकी जिंदगी का आखिरी दिन होगा। 20 जुलाई को अपनी मम्मी, बुआ सहित अन्य परिजनों के साथ नाश्ते करने के बाद गुंजन अपनी बुआ व बुआई के साथ कार में उनके स्कूल निकल पड़ी। जो दोनों शिक्षा विभाग में शिक्षक के पद पर तैनात हंै। गुंजन के बुआई हेमराज ने सुबह करीब दस बजे अपनी पत्नी चेतना को बगस्याड़ में उतारा, जहां उसने साथ लगते स्कूल जाना था। चेतना जैसे ही कार से उतरकर साथ लगते हिमाचल ग्रामीण बैंक में गई, तो उतने में कार की पिछली खिड़की से गुंजन भी उतर गई। उसने कार से उतरते ही अपनी बुआ की ओर दौड़ लगाई। जैसे ही उसने सड़क क्रॉस करने का प्रयास किया, तो वह दूसरी ओर से आ रही टाटा सूमो की चपेट में आ गई। प्रत्यक्षदर्शियों का कहना है कि हादसा इतना दर्दनाक था कि मासूम गुंजन को चीख तक मारने का भी समय नहीं मिल पाया। बताया जाता है कि गुंजन का पिता सेना में अपनी सेवाएं दे रहा है। गुंजन का एक भाई यश है, जो दूसरी कक्षा में पढ़ता है।