छह साल में 50 खरब डालर की अर्थव्यवस्था

नई दिल्ली -उद्योग संगठनों ने वर्ष 2019-20 के आम बजट को निवेश आकर्षित करने वाला स्वागत योग्य बजट बताते हुए इसे देश को वर्ष 2025 तक 50 खरब डालर की अर्थव्यवस्था बनाने की कार्ययोजना बताया है। उद्योग संगठन फिक्की के अध्यक्ष संदीप सोमानी ने प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा कि बजट बहुत अच्छा है। अंतरिम बजट में सरकार ने जो मार्ग दिखाया था उसी पर यह आगे बढ़ने वाला है। उन्होंने कहा कि इसमें कई बातें सकारात्मक हैं। इससे समाज के अधिकांश वर्ग को लाभ होगा। जीवनयापन में सरलता लाने की परिकल्पना पर आधारित यह बजट अगले कुछ वर्षों में देश को 50 खरब डालर की अर्थव्यवस्था बनाने के विजन की स्पष्ट कार्ययोजना है। बजट में इंफ्रास्ट्रक्चर विकास पर ध्यान दिया गया है। सभी बड़ी परियोजनाओं को जारी रखते हुए कनेक्टिविटी को अगले स्तर पर ले जाने की बात कही गयी है। एक राष्ट्र एक ग्रिड की बात की गई है। गैस के लिए भी इसी तरह की योजना है। उन्होंने रेलवे के इंफ्रास्ट्रक्चर विकास के  लिए सार्वजनिक निजी भागीदारी मॉडल को बढ़ावा दिए जाने को भी उत्साहजनक बताया और कहा कि एमएसएमई के लिए भी बजट में बहुत कुछ है। सरकारी बैंकों में 70 हजार करोड़ रुपए का निवेश किए जाने से पूंजी प्रवाह बढ़ेगा।

सभी के लिए लाभकारी बजट

भारतीय उद्योग परिसंघ (सीआईआई) के महासचिव चरणजीत बनर्जी ने इसमें लोकप्रिय घोषणाएं नहीं होने के बावजूद इसको लोकप्रिय बताते हुए कहा कि बजट में जो घोषणाएं की गई हैं वे समाज के सभी वर्गों; महिला, युवा, किसान, उद्यमी, छात्र और उद्योग के लिए लाभकारी हैं।

400 करोड़ के कारोबार पर 25 प्रतिशत कॉर्पोरेट कर

इंफ्रास्ट्रक्चर, हाईटेक उद्योग, विमानन क्षेत्र, इलेक्ट्रिक वाहन, पर्यटन, एमएसएमई और पावर क्षेत्र शामिल हैं। 25 प्रतिशत कॉर्पोरेट कर के लिए कारोबार की सीमा को 250 करोड़ रुपए से बढ़ाकर 400 करोड़ रुपए किए जाने का स्वागत करते हुये उन्होंने कहा कि यह नीति सरकार के कॉर्पोरेट कर में कमी करने की प्रतिबद्धता के अनुरूप है।