जाधव की फांसी पर रोक

By: Jul 18th, 2019 12:08 am

अंतरराष्ट्रीय अदालत में भारत को मिली बड़ी जीत, पाक को सजा की समीक्षा करने का आदेश

दि हेग – कुलभूषण जाधव मामले में भारत को इंटरनेशनल कोर्ट ऑफ जस्टिस (आईसीजे) में बड़ी कामयाबी और पाकिस्तान को बडा झटका लगा है। अपने 42 पेज के फैसले में आईसीजे ने जाधव की फांसी की सजा पर रोक लगाते हुए पाकिस्तान से सजा की समीक्षा करने को कहा है। इसके साथ-साथ उसे जाधव तक भारत को काउंसलर एक्सेस देने का आदेश दिया है। आईसीजे ने अपने आदेश में कहा कि भारत को काउंसलर एक्सेस न देकर पाकिस्तान ने विएना कन्वेंशन का उल्लंघन किया है। पाकिस्तान से कहा है कि वह जाधव को फांसी की सजा पर पुनर्विचार करे और उसकी समीक्षा करे। जाधव को सजा की समीक्षा तक उन्हें दी गई फांसी की सजा को निलंबित कर दिया गया है। पाकिस्तान की एक सैन्य अदालत ने जाधव को भारत की तरफ से कथित जासूसी करने और आतंकवाद में शामिल होने के लिए दोषी ठहराते हुए फांसी की सजा सुनाई थी। फैसला सुनाते हुए आईसीजे के प्रमुख अब्दुलकवी अहमद यूसुफ ने पाकिस्तान को कुलभूषण सुधीर जाधव की सजा पर पुनर्विचार और कारगर समीक्षा का आदेश दिया। इससे पहले 21 फरवरी को आईसीजे ने इस मामले में सुनवाई पूरी कर फैसला सुरक्षित रख लिया था। फैसला सुरक्षित रखे जाने के करीब पांच महीने बाद जज यूसुफ की अगवाई वाली 15 सदस्यीय बैंच ने अपना फैसला सुनाया। आईसीजे ने पाकिस्तान से कहा कि वह भारतीय नागरिक कुलभूषण जाधव को दी गई मौत की सजा की समीक्षा करे और उस पर पुनर्विचार करे। इसका मतलब है कि जाधव की मौत की सजा पर आईसीजे ने मई 2017 में जो रोक लगाई थी, वह जारी रहेगी।

भारत अब खुलकर कर पाएगा मदद

इंटरनेशनल कोर्ट ने कहा कि जाधव को काउंसलर एक्सेस मिलनी चाहिए। पाकिस्तान ने विएना कन्वेंशन के आर्टिकल 36 (1) का उल्लंघन किया है। पाकिस्तान ने भारत को कुलभूषण जाधव से मिलने नहीं देने और न ही उनकी तरफ से कोर्ट में पक्ष रखने का मौका देकर अंतरराष्ट्रीय नियमों को उल्लंघन किया है। आईसीजे के आदेशों का मतलब है कि अब भारतीय उच्चायोग जाधव से मुलाकात कर सकेगा और उन्हें वकील और अन्य कानूनी सुविधाएं और सहायता दे पाएगा।

16 में से 15 जज भारत के पक्ष में

पाकिस्तान ने आईसीजे में कहा था  भारत का आवेदन स्वीकार करने योग्य ही नहीं है। आईसीजे की 16 सदस्यीय बैंच ने भारत के पक्ष में 15-1 से फैसला सुनाते हुए पाक की इस आपत्ति को खारिज कर दिया। इसके खिलाफ केवल एक जज थे और वह पाकिस्तान से थे।

भारत की कुछ मांगें खारिज

आईसीजे ने पाकिस्तानी सैन्य अदालत के फैसले को रद्द करने, जाधव की रिहाई और उन्हें सुरक्षित भारत पहुंचाने की नई दिल्ली की कई मांगों को खारिज कर दिया। फिर भी आईसीजे का यह फैसला भारत के लिए बड़ी जीत है और पाकिस्तान के लिए शर्मिंदगी का सबब है।


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