जिला के आंगनबाड़ी केंद्र बनेंगे मॉडल

By: Jul 9th, 2019 12:05 am

कुल्लू —बच्चों को बेहतर शिक्षा देने के लिए और अच्छा बेस बचपन से ही बनाने के लिए पिछले कुछ सालों से इसकी जगह अब अंग्रेजी स्कूलों ने ली है। हर अभिभावक अपने बच्चों को आज सरकारी स्कूल पढ़ाने में अपनी शान नहीं समझते जितना की निजी स्कूलों में भारी भरकम फीस देकर वे बच्चों को पढ़ाने में समझते है। कई अभिभावक की हालत तो यह है कि घर की आर्थिक स्थिती कमजोर होने के बाद भी वे बच्चों को शिक्षा निजी स्कूलों में पढ़ना ही पसंद करते है। वहीं, पहली बार यहां जिला कुल्लू से बदलते जमाने के साथ यहां समाज को सरकारी स्कूलों में बच्चों को भेजने का संदेश देते हुए उपायुक्त कुल्लू डा. ऋचा वर्मा ने जो स्वयं एक आईएस अधिकारी हैं अपने बेटे अजीतेश को सोमवार को कुल्लू के शिशामाटी स्थित आंगनबाड़ी केंद्र में दाखिल किया। जबकि उपायुक्त भी जिला में किसी भी निजी स्कूल में अपने बेटे को भेज सकती थी,लेकिन उन्होंने ऐसा न करते हुए अपने बेटे को आगंनबाड़ी केंद्र में भेजा है। ताकि अन्य अभिभावक व प्रशासनिक अधिकारी भी अपने बच्चों को सरकारी स्कूलों में शिक्षा ग्रहण करने के लिए भेजे। आज सरकारी स्कूल में बच्चों को स्कूल डेस सहित लंच की भी पूरी व्यवस्था है। बावजूद इसके जिला के कई आंगनबाड़ी केंदों व सरकारी स्कूलों में बच्चों की संख्या न के बराबर है। वहीं, दूसरी जिला बाल विकास अधिकारी विरेंद्र आर्य की माने तो यह पहला मौका है जब किसी उपायुक्त ने अपने बच्चे को आंगनबाड़ी केंद्र में भेजा हैै। उन्होंने कहा कि जल्द ही सभी आगंनबाड़ी केेंद्रों की दशा को जल्द सुधारा जाएगा। जहां पर जो कमी है। उन्हें भी दुरुस्त किया जाएगा। उपायुक्त ने विभाग को कहा है कि सभी केंद्रों को मॉडल आंगनबाड़ी केंद्र बनाया जाएगा, जो कि सभी सुविधाओं से लैस होगा।


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