जैव प्रौद्योगिकी में हुनरमंद बनेंगे पहाड़ी युवा

By: Jul 15th, 2019 12:02 am

केंद्र से 4.5 करोड़ की परियोजना मंजूर, प्लस टू व बीए के छात्रों को मिलेगी ट्रेनिंग

शिमला —हिमाचल प्रदेश को कौशल विकास के लिए केंद्र सरकार से जैव प्रोद्योगिकी के क्षेत्र में 4.5 करोड़ रुपए की परियोजना मंजूर हुई है। परियोजना का मुख्य उद्देश्य जैव प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में 12वीं व स्नातक विद्यार्थियों को जैव प्रौद्योगिकी के उपकरणों और तकनीकों का गुणवत्ता युक्त प्रशिक्षण प्रदान करना है। भारत सरकार के विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्रालय के जैव प्रौद्योगिकी विभाग ने इसे मंजूरी दी है। हिमाचल यह कार्यक्रम लागू करने वाले छह राज्यों में शामिल हो गया है।  अन्य राज्यों में अरुणाचल प्रदेश, मेघालय, ओडिशा, पंजाब और उत्तराखंड को इस कार्यक्रम के कार्यन्वयन के लिए चुना गया है। विज्ञान, प्रौद्योगिकी एवं पर्यावरण परिषद के माध्यम से हिमाचल प्रदेश पहले चरण में इस प्रतिष्ठित परियोजना को हासिल करने में सफल  रहा है। संबंधित मंत्रालय के विभिन्न कार्यक्रमों को लागू करने के लिए परिषद केंद्र सरकार व राज्य सरकार के बीच एक महत्त्वपूर्ण कड़ी के रूप में कार्य कर रही है। राज्य में शैक्षणिक संस्थानों, अनुसंधान व विकास संगठनों और गैर सरकारी संगठनों (एनजीओ) के सक्रिय सहयोग से इस काम को अंजाम दिया जाएगा। परिषद के सदस्य सचिव डीसी राणा के अनुसार  यह कार्यक्रम जीव विज्ञान क्षेत्र कौशल विकास परिषद और राज्य के सहयोगी संस्थानों के सहयोग से कार्यान्वित किया जाएगा और हिमाचल और आस-पास के उपयुक्त उद्योगों में प्रशिक्षित युवाओं को रोजगार प्रदान करने का प्रयास किया जाएगा। संबद्ध संस्थानों में प्रयोगशाला तकनीशियन सहायक प्रशिक्षण कार्यक्रम भी वर्ष में दो बार आयोजित किए जाएंगे। हिमालयन कौशल विकास केंद्र सिरमौर में उत्पादन मशीन ऑपरेटर प्रशिक्षण कोर्स भी चलाया जाएगा और विभिन्न प्रशिक्षण कार्यक्रमों के लिए छात्रों को राज्य स्तरीय प्रवेश परीक्षा के आधार पर चुना जाएगा।

इन संस्थानों में मिलेगी ट्रेनिंग

जैव प्रौद्योगिकी और जीव विज्ञान के छात्रों को प्रशिक्षण प्रदान करने के लिए आठ सर्वश्रेष्ठ अनुसंधान प्रयोगशालाओं और शैक्षणिक संस्थानों को चुना है, जिनमें सीएसआईआर हिमालयन जैव संपदा प्रौद्योगिकी संस्थान पालमपुर, आईसीएआर केंद्रीय आलू अनुसंधान संस्थान शिमला, हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय, जेपी सूचना प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय वाकनाघाट, शूलिनी जैव प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय सोलन, बद्दी विश्वविद्यालय ऑफ  एमर्जिंग साइंस एंड टेक्नोलॉजी, बद्दी,  हिमाचल कौशल विकास केंद्र कालाअंब और एटरनल विश्वविद्यालय बड़ू साहिब सिरमौर शामिल है। इनमें प्रतिवर्ष कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे।

 


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