टेलेंट की कमी ई-व्हीकल की राह में बनी रोड़ा

By: Jul 21st, 2019 12:05 am

नई दिल्ली – मोदी सरकार देश में इलेक्ट्रिक व्हीकल को बढ़ावा देने की मुहिम में जोर-शोर से जुटी हुई है। हाल ही में बजट घोषणा के दौरान इलेक्ट्रिक व्हीकल ने लोगों का ध्यान तब खींचा, जब वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने इलेक्ट्रिक वाहनों पर जीएसटी को 12 फीसदी से घटाकर पांच फीसदी करने का प्रस्ताव रखा। मगर केंद्र सरकार की इस मुहिम को तगड़ा झटका लग सकता है, क्योंकि इस दिशा में काम करने के लिए देश में टॉप टेक टेलेंट की भारी कमी है। जॉब सर्च फर्म्स को फ्रांस, जर्मनी, जापान और चीन जैसे देशों में टेलेंट की तलाश करनी पड़ रही है। डिजाइनिंग, प्रोडक्ट, इंफ्रास्ट्रक्चर और स्टोरेज के क्षेत्र में इलेक्ट्रिक व्हीकल एक्सपर्ट की भारी कमी है। टाटा मोटर्स, महिंद्रा एंड महिंद्रा, टीवीएस मोटर, कॉन्टिनेंटल, मारुति सुजूकी जैसी कंपनियों के अलावा टॉर्क्स एथर एनर्जी जैसी स्टार्टअप कंपनियां इलेक्ट्रिक व्हीकल की रैंकिंग में भी काबिज होने के लिए या तो टॉप टेक टेलेंट को हायर कर रही हैं या फिर पाइपलाइन बनाने में जुटी हुई हैं। हंट पार्टनर्स के पार्टनर सुरेश रैना ने बताया, हम देश के अंदर भारी कमी की वजह से बाहर टेलेंट तलाशने के लिए मजबूर हैं। मारुति सुजूकी इंडिया के सीनियर एग्जिक्यूटिव डायरेक्टर इंजीनियरिंग सीवी रमन भी रैना की बात से इत्तेफाक रखते हैं। उन्होंने बताया, भारत में इलेक्ट्रिक व्हीकल का विकास अभी नवजात अवस्था में है। लगभग हर संगठन को इलेक्ट्रिक टेलेंट जुटाने और विकास के मामले में चुनौतियों का सामना करना पड़ेगा। 


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