डाडासीबा के डिपुओं में एक्सपायरी माह
गरली – भले ही प्रदेश खाद्य आपूति विभाग प्रत्येक राशन कार्ड धारक को अच्छी क्वालिटी से मनपसंद की तीन-तीन दालें मुहैया करवाने के दावे कर रहा है, लेकिन हकीकत इससे उलट दिखाई दे रही है। जी हां ! ऐसा ही एक मामला सिविल सप्लाई जौडबड़ में उक्त तमाम दावों की पोल खोल चुका है ताजा मामला मंडल डाडासीबा का है, यहां कई उचित मूल्य की दुकानों पर जुलाई महीने के कोटे में प्रत्येक राशन कार्डधारक को तीन-तीन दालें मुहैया करवाने के नाम पर केवल एक ही दाल माह की दी गई है और वह भी एक्सपायर्ड डेट की है । इस माह की दाल के पैकट पर मैन्यूफैक्चर डेट जनवरी 2019, बिफोर चार महीने, यानी पैंकिंग के अनुसार इसकी अवधि अपै्रल महीने में समाप्त हो चुकी है, लेकिन बाबजूद इसके तीन महीने से एक्सपायरी डेट हो चुकी दाल को अभी भी सरकारी डिपुओ से सप्लाई की जा रही है, जो कि प्रदेश खाद्य आपूति विभाग की पोल खोलने के लिए काफा है । यह बात 18 जुलाई को उस वक्त जग जाहिर हुई जब डाडासीबा मंडल के एक डिपो से एक उपभोक्ता जब राशन लेकर घर पहुंचा तो उसने उक्त दाल माह के पैकट पर जब गौर से मैन्यूफेक्चर डेट पढ़ी तो वह दंग रह गया। लोगों का कहना है डिपुओं में मिल रही दाल लोगों की सेहत के साथ खिलवाड़ है। उन्होंने विभाग से मांग की है कि इस मामले की उच्च स्तरीय जांच करवाई जाएं। वहीं इस संदर्भ में डीएफसी धर्मशाला नरेंद्र धीमान से बात की तो उन्होंने कहा कि अभी मामला ध्यान में आया है। इस मामले की छानबीन की जाएगी कि आखिर इस प्रकार की चूक किस स्तर पर हुई है।
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