डिपोधारक भी हों सरकारी कर्मचारी
सिराज में सीएम से मिल दूसरे राज्यों की तर्ज पर मांगा लाभ
हमीरपुर -प्रदेश डिपो संचालक समिति का एक प्रतिनिधिमंडल सिराज विधानसभा क्षेत्र में मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर से निजी डिपो धारकों व सहकारी सभाओं के विक्रेताओं की समस्या को लेकर मिला। डिपो संचालक समिति ने बताया कि मुख्यमंत्री द्वारा 22 नवंबर, 2018 के तहत विभागीय अधिकारियों को आदेश जारी किए गए थे, लेकिन उसके ऊपर अभी तक कोई कार्रवाई नहीं हुई है। डिपो संचालक समिति दोबारा आग्रह करती है कि उक्त प्रतिवेदन में उठाए गए मुद्दों पर विचार करके उचित निर्णय लिया जाए। डिपो संचालकों की मुख्य मांगों में निजी डिपो धारकों को एपीएल के राशन पर मात्र तीन प्रतिशत कमीशन मिल रहा है, उससे कहीं अधिक तो डिपो धारकों को दुकान का किराया देना पड़ता है। वहीं दूसरी ओर प्रदेश की 90 फीसदी सहकारी सभाएं भी अपने व्रिकेताओं को 500 रुपए से लेकर दो हजार रुपए मासिक वेतन दे रही है। इतने कम कमीशन व वेतन से परिवार को पालन-पोषण करना संभव नहीं है। अतः हमें भी जे एंड के, केरल, गोवा व तमिलनाडु सरकारों की तर्ज पर सरकारी कर्मचारी घोषित किया जाए। खाद्यापूर्ति निगम के प्रदेश भर में 90 फीसदी गोदामों से डिपो धारकों को राशन तोलकर नहीं दिया जाता है, जिससे डिपो धारकों को राशन पूरा करना मुश्किल हो रहा है। कारपोरेशन डिपो धारकों से वारदाने के पैसे वसूल करती है, जबकि एफसीआई कारपोरेशन को वारदाना फ्री में देती है। अतः डिपो धारकों को भी वारदाना फ्री में दिया जाए। निजी डिपो धारकों व सहकारी सभाओं को 2013 से लेकर 2017 तक एनएफएसए के राशन पर बढ़ा हुआ 27 महीनों का कमीशन केंद्र सरकार के पास लंबित पड़ा है। अतः केंद्र सरकार के पास हमारा पक्ष रखकर हमें यह कमीशन दिलाया जाए।
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