देवदर्शन पर भाषा एवं संस्कृति विभाग तलब
मुख्यमंत्री कार्यालय से आया फोन, योजना के क्रियान्वयन में किसकी गलती
शिमला –देवदर्शन योजना पर प्रदेश सरकार ने भाषा एवं संस्कृति विभाग से जवाब तलब किया गया है। ‘दिव्य हिमाचल’ में छपी खबर का संज्ञान लेते हुए सीएम ऑफिस से भाषा विभाग के अधिकारियों को पूछा गया है कि इस योजना के क्रियान्वयन में आखिर क्या कमी रह गई है। योजना की कमी को दूर कर इसे सफलता से चलाने के निर्देश प्रदेश सरकार ने जारी किए हैं। गौर हो कि प्रदेश में देवदर्शन योजना का लाभ अभी तक कोई भी बुजुर्ग नहीं उठा पाया है। जानकारों का मानना है कि इसमें कई संशोधन किए जा सक ते हैं, जिसके तहत योजना को सफल बनाने के प्रयास किए जा सक ते हैं। योजना पर गौर करें तो प्रदेश में देवदर्शन योजना फेल हो कर रह गई है। योजना में कोई भी आवेदन न आने के बाद इसे संशोधन करने के लिए दो माह दिए गए थे, लेकिन सरकार की ओर से इस पर अभी तक कोई भी जवाब नहीं आ पाया था। लिहाजा इस योजना का लाभ अभी तक कोई भी नहीं उठा पाया है। संशोधन पर गौर करें तो मुख्य तौर पर उक्त योजना में आयु सीमा को घटाया जा रहा था। इसे 80 वर्ष से कम करने पर फैसला किया जाने वाला था, लेकिन अभी तक योजना में कोई भी संशोधन नहीं हो पया है। जिस पर अब सरकार ने गंभीरता जाहिर की है और इसे सफल करने के बारे में विभाग को कहा गया है। अब सवाल ये उठ रहे हैं कि यदि किसी ने यात्रा करनी हो तो वह क्या अब संशोधन होने का इंतेजार करे? देखा जाए तो भाषा संस्कृति विभाग की इस योजना को प्रदेश में काफी बड़ा झटका लगा है, क्योंकि विभाग द्वारा जनवरी से लेकर मार्च तक आवेदन की डेट बढ़ाने के बाद भी किसी ने भी इस योजना का लाभ उठाने में दिलचस्पी नहीं दिखाई थी।
ये रूट हुए थे फाइनल
यात्रा शिमला से शुरू होकर ज्वालामुखी, चामुंडा देवी, बृजेश्वरी, चिंतपूर्णी तथा बग्लामुखी व श्रीनयनादेवी मंदिर होकर वापस शिमला संपन्न होनी तय की गई थी। पैकेज राशि 9,450 रुपए निर्धारित की गई है, जिसमें 70 वर्ष से अधिक आयु के वरिष्ठ नागरिकांे को यात्रा के लिए 50 प्रतिशत की छूट यानी 4725 रुपए देने होंगे। अस्सी वर्ष से अधिक आयु के नागरिकांे को निशुल्क यात्रा करवाई जानी तय की जा रही थी।
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