दो साल से अकेले फैसले ले रहे अध्यक्ष

By: Jul 19th, 2019 12:01 am

रेगुलेटरी कमीशन के सदस्य एसपी कटयाल ने प्रदेश सरकार से की शिकायत

शिमला – प्रदेश के निजी शिक्षण संस्थानों पर नजर रखने के लिए गठित किया गया रेगुलेटरी कमीशन सवालों के घेरे में आ गया है। आरोप है कि कमीशन की बैठक पिछले दो साल से नियमों के तहत हो ही नहीं पाई है। हैरत तो इस बात की है कि हिमाचल सरकार द्वारा रेगुलेटरी कमीशन में चयन किए सदस्यों में ही आपसी मतभेद पैदा हो गए हैं। दरअसल 2017 में रेगुलेटरी कमीशन के चयन किए गए दो नए सदस्यों में से एक सदस्य एसपी कटयाल ने अध्यक्ष पर सवाल उठाए हैं। नियामक आयोग के सदस्य एसपी कटयाल ने कमीशन के अध्यक्ष केके कटोच के खिलाफ सरकार को लिखित में शिकायत पत्र सौंपा है। इस शिकायत पत्र में एसपी कटयाल ने मांग की है कि वर्तमान के रेगुलेटरी कमीशन को भंग कर नया कमीशन गठित किया जाए, ताकि निजी शिक्षण संस्थानों की मनमानी के लिए नए नियम व कानून बनाए जा सकें। शिक्षा मंत्री व शिक्षा प्रधान सचिव को भेजे गए पत्रों में एसपी कटयाल ने आरोप लगाया कि प्रदेश के दो निजी विश्वविद्यालयों के लिए आयोग के अध्यक्ष ने अकेले ही कमेटी का गठन कर दिया, जबकि रेगुलेटरी कमीशन के एक्ट के तहत निजी शिक्षण संस्थानों के लिए अगर कोई कमेटी का गठन या कानून तय करना है, तो अध्यक्ष के अलावा सदस्यों का होना भी जरूरी होता है। बावजूद इसके वर्तमान अध्यक्ष एक्ट व नियमों की उल्लंघना कर रहे हैं। रेगुलेटरी कमीशन के सदस्य एसपी कटयाल ने यहां तक कहा है कि पिछले दो सालों से निजी शिक्षण संस्थानों पर कोई  भी कार्रवाई नहीं हो पाई है। हालांकि उन्होंने यह भी कहा है कि अध्यक्ष ने पिछले दो सालों में निजी शिक्षण संस्थानों को जो भी निर्देश दिए है, वे उनके अकेले के ही फैसले हैं। गौर हो रेगुलेटरी कमीशन यानी नियामक आयोग का गठन 2010 में निजी शिक्षण संस्थानों की मनमानी को रोकने के लिए किया गया था। फिलहाल इस मामले पर शिक्षा मंत्री व  प्रधान सचिव क्या कार्रवाई करते है, यह देखना अहम होगा।

पहले भी उठे सवाल

हिमाचल के रेगुलेटरी कमीशन पर पहले भी सवाल उठ चुके हैं।  नियमों के खिलाफ दाखिले को कमीशन के सदस्य की मंजूरी मिलने पर कई आरोप लगे थे। ऐसे में अब एक बार फिर रेगुलेटरी कमीशन के संचालन पर लग रहे ये आरोप कहीं न कहीं सरकार की व्यवस्था पर कई सवाल खड़े करते हैं।


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