नालागढ़ के शिव मंदिरों में सुबह से लगी कतारें
नालागढ़—सावन माह के संक्रांति के बाद आए पहले सोमवार को नालागढ़ के शिवालयों में श्रद्धालुओं की भारी भीड़ उमड़ी और शिव भक्त सुबह से ही शिवालयों में दर्शन करने के लिए उमड़ने शुरू हो गए। ज्योषिचार्य के मुताबिक सूर्य को प्रमुख मानते हुए चैत्र आदि 12 मासों की संक्रांति के हिसाब से उत्तर भारत में महीनों की गणना होती है और उत्तर भारत में संक्रांति से अगली सक्रांति तक माह की गणना होती है। इस हिसाब से 16 जुलाई मंगलवार को श्रावण सक्रांति होने से शिव मास प्रारंभ श्रावण का पहला दिन माना जाएगा। जानकारी के अनुसार सावन माह का आगाज होने के साथ ही पहले सोमवार को शिव भक्तों ने क्षेत्र के शिव मंदिरों में शीश नवाया और भारी संख्या में शिव भक्त मंदिरों में कतारों में नजर आए। नालागढ़ शहर के वार्ड-एक स्थित शिव मंदिर, शहर के गबला कुंआ, चोये वाला मंदिर, बाबा भारती, एकादश रूद्र मंदिर चुहूवाल, तालाब वाला मंदिर, भल्लेश्वर महादेव मंदिर, बाबा बर्फानी शिव मंदिर आदि शिवालयों में श्रद्धालु भगवान भोलेनाथ का आशीर्वाद प्राप्त करने के लिए पहंुचे, जहां श्रद्धालुओं ने पूजा-अर्चना कर शीश नवाया और शंकर भगवान का आशीर्वाद प्राप्त किया। प्रेम ज्योतिष संस्थान नालागढ़ के पंडित प्रेम शर्मा ने कहा कि उत्तरी भारत में संक्रांति के बाद सावन माह का आरंभ होता है। उन्होंने कहा कि इस बार श्रावण मास में चार सोमवार आए है और दूसरा सोमवार 29 को, तीसरा सोमवार पांच अगस्त को, चौथा सोमवार 12 अगस्त को आया है। उन्होंने कहा कि इस माह में भगवान भोले शंकर को दूध, दहीं, घी, मक्खन, गंगाजल, बेलपत्र, आक, धतूरा आदि चढ़ाना चाहिए, क्योंकि इस माह में भगवान भोले नाथ की सच्चे मन से आराधना की जाए, तो उसे मनवांछित फल प्राप्त होता है।
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