निक के हौसले को सलाम

By: Jul 17th, 2019 12:05 am

दो संस्थाओं के प्रमुख 32 वर्षीय वुजिकिक के दोनों हाथ और पैर नहीं हैं। जन्म से विकलांगता से जूझने वाले निक के पास हौसले की कोई कमी नहीं है। पूरी दुनिया में प्रेरणादायक वक्ता के तौर पर प्रसिद्ध निक की कहानी एक मिसाल बन गई है। निक का जन्म आस्ट्रेलिया में मेलबोर्न में हुआ। जन्म के समय न तो उनके हाथ थे और न ही पांव। उनके रोजमर्रा के जीवन में बहुत मुश्किले थीं, ब्रश करने से लेकर टायलट जाने तक। निक हौसले के साथ इन मुश्किलों से जूझते रहे। उनकी मेहनत ने रंग दिखाया।  आज वह किसी भी आम इनसान की तरह टाइप कर सकते हैं अपने अंगूठे के बीच सामान  फंसा लेते हैं तथा गेंद को किक तक कर सकते हैं। इतना ही नहीं निक रोज स्विमिंग करते हैं, पानी की सतह पर सर्फिंग करते हैं और स्काई डाइविंग  करने का रोमांच भी उठाते हैं।  17 साल की उम्र में उनके हाई स्कूल में सफाई और रखरखाव के इंचार्ज ने उन्हें बहुत पे्ररित किया और सार्वजनिक तौर पर व्याख्यान देने की सलाह दी।  निक ने उनके बारे में बताया, ‘ मेरी उनसे दोस्ती हो गई थी’  उन्होंने मुझे कहा तुम्हें स्पीकर होना चाहिए। मैंने कहा मैं क्या बोलूंगा? तो उन्होंने कहा कि तुम्हें अपनी कहानी लोगों को बतानी चाहिए। इस एक सलाह ने निक की किस्मत बदल दी। उन्होंने सकारात्मक नजरिया अपनाना शुरू किया। करीब 50 देशों में बीते 15 सालों में निक ने हजारों व्याख्यान दिए हैं। उन्होंने अपने अनुभवों पर आधारित किताब ‘मेमायर लव विदाउट लिमिट्स’ लिखी है। निक मौजूदा समय में ‘लाइफ विदाउट लिमिट्स लिव्स और एटीच्यूड इज एटीच्यूड’ नामक दो संस्थाओं के प्रमुख हैं। ये संस्थाएं दुनिया भर में विकलांग लोगों के बीच उम्मीद और भरोसा  जगाने की दिशा में काम करती हैं। निक कहते हैं कि विकलांग लोगों को व्हील चेयर देने या उनके लिए कोई इमारत बनाने से बदलाव नहीं आ जाएगा। उन्हें भरोसा देने की जरूरत है कि वे भी कुछ कर सकते हैं। निक कहते हैं ‘कभी कोशिश करने तथा  नाकामी से डरना नहीं चाहिए किसी बात के लिए शर्म भी नहीं करनी चाहिए।’ निक लॉस एंजल्स में अपने परिवार के साथ रहते हैं। जीवन के सफर में तमाम मुश्किलों के बावजूद निक न तो रूके हैं और न कोई उन्हें रोक पाया। 


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