नौहराधार में कूड़ा कर रहा पर्यटकों का जोरदार वेलकम

नौहराधार—उत्तरी भारत व हिमाचल प्रदेश के प्रसिद्ध पर्यटक स्थल तथा अराध्य देव शिरगुल महाराज चूड़धार के दर्शन के लिए आजकल पर्यटकों व श्रद्धालुओं का तांता लगा हुआ है, मगर पर्यटकों का स्वागत नौहराधार में कूड़े-कचरे के ढेरों के साथ होता है। नौहराधार में प्रस्थान करते ही कचरे के ढेर मिलते हैं। बाजार से मात्र 100 मीटर की दूरी पर सोलन मार्ग पर फेंका गया कूड़ा-कर्कट राहगीरों को खूब चिड़ा रहा है। यहां पर पूरे बाजार का सारा कूड़ा सड़क के किनारे खुले में फेंका जाता है। गले-सड़े कूड़े कचरे से निकलने वाली तेज दुर्गंध से राहगीरों का पैदल चलना दुभर हो गया है। वहीं गंदगी से होने वाले रिसाव से ग्रामीणों के पेयजल स्रोत भी दूषित हो रहे हैं। इसके साथ ही यहां पर हर रोज खुले में फेंके गए कूड़े को आवारा पशु, बंदर, मंुह मारते देखे जा सकते हैं व पशुओं व बंदरों द्वारा कूड़े को इधर-उधर फेंक देते हैं। तेज हवाओं से कूड़ा-कचरा उड़कर हरे-भरे जंगल की सुंदरता को भी ग्रहण लग रहा है। गंदगी से पर्यावरण भी दूषित हो रहा है। नौहराधार क्षेत्र पर्यटक की दृष्टि से काफी विकसित है। यहां पर हिमाचल से ही नहीं अपितु बाहरी राज्यों से पर्यटक शिरगुल महाराज के दर्शन के लिए चूड़धार के लिए रवाना होते हैं। वहीं यहां की सुंदरता को निहारने आते हैं, मगर जंगल में फेंके गए कूड़े देखकर पर्यटकों का दिल सा टूट जाता है। हालांकि व्यापार मंडल द्वारा यहां बाजार की सफाई हेतु कर्मचारी भी रखा गया है। बाजार में सफाई भी बखूबी होती है, मगर फिर भी सफाई कर्मचारी कूड़े को उक्त गड्ढों में न डालकर खुले में ही फेंका जा रहा है। यही नहीं इस जगह लोग खुले में शौच करने भी जाते हैं। बता दें कि नौहराधार में गर्मियों में काफी तादात में पर्यटकों का जमावड़ा लगा रहता है। यहां पर कई बार होटलों की एडवांस बुकिंग से पर्यटकों को गाडि़यों में सोने को मजबूर होना पड़ता है, मगर कूड़े कचरे को देखकर पर्यटकों को निराशा हाथ लगती है। इसलिए ग्रामीणों ने भी व्यापार मंडल व प्रशासन से मांग की है कि बाजार से दूर कहीं बड़े-बड़े गड्ढे बनाकर कूड़े को डंपिंग किया जाए। उधर, इस विषय में व्यापार मंडल प्रधान अमर सिंह ने बताया कि बाजार की सफाई के लिए कर्मचारी रखा गया है। कूड़े को डंपिंग करने के लिए गड्ढे का प्रबंध किया जा रहा है। उधर, व्यापार मंडल प्रधान जोगेंद्र चौहान ने बताया कि प्रशासनिक अधिकारी, पंचायत प्रधान व वन विभाग से बात कर कूड़े सयंत्र का प्रबंध किया जा रहा है। जल्दी इस समस्या का समाधान किया जा रहा है।