परिवार देखकर नहीं मिलेगा टिकट

By: Jul 18th, 2019 12:02 am

छवि-जातीय समीकरण व राजनीतिक पृष्ठभूमि को देख कर इलेक्शन में उम्मीदवार खड़ा करेगी खट्टर सरकार

पंचकूला – लोकसभा चुनाव में हरियाणा से भाजपा को मिली अभूतपूर्व सफलता से उत्साहित भाजपा ने अपनी दूसरी पारी के लिए टिकट वितरण प्रक्रिया पर गंभीरता से मंथन करने और सर्वे रिपोर्ट्स को पैमाना मानते हुए परिवारवाद से दूरी का निर्णय लेकर परिवारवाद पर अंकुश लगाने की योजना बनाकर मुख्यमंत्री हरियाणा मनोहरलाल को अक्तूबर मास में होने वाले विधानसभा चुनाव से अवगत कराते हुए ‘फ्री हैंड’ दिया है। सूत्रों के मुताबिक केंद्र तथा हरियाणा में सत्तासुख भोग रहे भाजपा दिग्गजों के परिवारजन को टिकट वितरण प्रक्रिया में शामिल नहीं किया जाएगा। भले ही वह कितनी प्रभावी शक्ति रखता हो। भाजपा में शामिल होने वाले राजसी दिग्गजों को भाजपा प्रत्याशी बनाने से पूर्व उसकी छवि, जातीय समीकरण व राजनीतिक पृष्ठभूमि का गंभीरता से मंथन किया जाएगा। संभावित उम्मीदवारों की पटकथा लिखने के लिए भाजपा का मजबूत आईटी विंग ने सक्रियता बढ़ाकर फीडबैक से शीर्ष नेतृत्व को अवगत करवाना शुरू कर दिया है। हरियाणा की मनोहर सरकार की लोकप्रियता से राजनीतिक गलियारों में चर्चा है कि इस बार कई दिग्गजों को टिकट से वंचित रहना पड़ सकता है, जिन्हें मिशन 75 का लक्ष्य पूरा करने योग्य नहीं माना जा रहा है। मुख्यमंत्री के संकेत से टिकटार्थियों ने सोशल मीडिया पर अपना गुणगान शुरू कर दिया है, जिसकी पुष्टि फेसबुक, यू-टयूब और वॉट्सऐप करते हैं। भाजपा हरियाणा की तर्ज पर चलकर कांग्रेस ने भी उम्मीदवारों के चयन के लिए सर्वे शुरू कर दिए हैं, जबकि अन्य क्षेत्रीय दल अभी राजनीतिक सकते में कहे जा सकते हैं। हरियाणा में ऐसे राजनेताओं की कमी नही है, जिन्होंने प्राइवेट एजेंसी को हायर कर अपने-अपने क्षेत्र में मतदाताओं की नब्ज टटोलनी शुरू कर दी है ।  हरियाणा के हर विधानसभा क्षेत्र मे संभावित टिकटार्थी होर्डिंग और पोस्टर अभियान चलाए हुए हैं। इधर हरियाणा में बढ़ रहे भाजपाई परिवार से सबसे ज्यादा भाजपाई ही चिंतित है, क्योंकि उन्हें भय है कि उनकी भाजपा के प्रति समर्पण और संधर्ष पर दल बदलू कहीं ‘ग्रहण’ न लगा दें।


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