पालमपुर से आचार्य देवव्रत का रिश्ता ‘खास’
पालमपुर—आचार्य देवव्रत का पालमपुर के साथ खास रिश्ता रहा है। प्राकृतिक खेती से जुड़े आचार्य देवव्रत ने पालमपुर स्थित प्रदेश कृषि विश्वविद्यालय के माध्यम से प्राकृतिक खेती की ओर अग्रसर होने के लिए किसानों को प्रोत्साहित किया। उन्हीं के मार्गदर्शन में प्रदेश कृषि विश्वविद्यालय में जीरो बजट प्राकृतिक खेती केंद्र की नींव रखी गई और कृषि विश्वविद्यालय ने अपने कुछ केंद्रों में प्राकृतिक खेती को बढ़ावा देने के प्रयास शुरू किए। आचार्य देवव्रत के प्रोत्साहन से ही प्रदेश कृषि विश्वविद्यालय में जीरो बजट प्राकृतिक खेती के जन्मदाता सुभाष पालेकर ने कई प्रशिक्षण शिविरों का आयोजन किया, जिसमें प्रदेश के सैकड़ों किसानों ने खेती की इस विधि की बारीकियां सीखीं। आज प्रदेश में करीब 50 हजार किसान कृषि की इस विधि से जुड़ चुके हैं। वहीं, किसानों की आय दोगुना करने के किए जा रहे प्रयासों में भी जीरो बजट प्राकृतिक खेती के रोल को काफी अहम माना जा रहा है। ‘दिव्य हिमाचल’ के स्वच्छता अभियान को भी आचार्य देवव्रत का साथ मिला, जब 30 अप्रैल, 2016 को पालमपुर में आयोजित की गई स्वच्छता रैली में आचार्य देवव्रत ने शिरकत की। ‘दिव्य हिमाचल’ की इस रैली में आचार्य देवव्रत ने स्वयं झाडू उठाकर लोगों को स्वच्छता के प्रति जागरूक किया। आचार्य देवव्रत ने ‘दिव्य हिमाचल’ की रैली में भाग लेकर जो संदेश दिया, उससे युवा वर्ग को बहुत प्रोत्साहन मिला। माना जा रहा है कि गुजरात जाने के बाद भी आचार्य देवव्रत का रिश्ता प्रदेश खासकर पालमपुर से जुड़ा रहेगा और उनकी अगवाई में शुरू किया गया जीरो बजट प्राकृतिक खेती अभियान आगे बढ़ता रहेगा। प्रदेश कृषि विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. अशोक कुमार सरयाल कहते हैं कि किसानों की आय दोगुना करने की सोच में जीरो बजट प्राकृतिक खेती का बड़ा योगदान रहेगा। आचार्य देवव्रत के प्रयासों से ही प्रदेश में कृषि की यह विधि व्यावहारिक रूप लेने की ओर अग्रसर हुई है।
Keep watching our YouTube Channel ‘Divya Himachal TV’. Also, Download our Android App