पीने लायक नहीं रहा देहुरी का पानी

By: Jul 23rd, 2019 12:05 am

कुल्लू —बंजार की कलवारी पंचायत के देहुरी में पीने के पानी के पुरातन, पारंपारिक प्राकृतिक स्रोतों के प्रदूषित होने के कारण लोगों में आक्रोश है। सिंचाई एवं जन स्वास्थय महकमें की पेयजल प्रदूषण की रिपोर्ट आने के बाद पंचायत ने जगह-जगह पेयजल प्रदूषित होने को लेकर नोटिस लगा रखे हैं। लोग यहां बनी एक पयर्टन इकाई को इसके लिए जिम्मेदार ठहरा रहे हैं और इसकी शिकायत बंजार प्रशासन, प्रदूषण नियंत्रण वोर्ड, स्वास्थ्य, सिंचाई एवं जन स्वास्थय विभाग और पयर्टन विभाग से भी कई बार कर चुके हैं। लोगों का कहना है कि जब तक प्रदूषण का स्तर शून्य नहीं आता तब तक पयर्टन इकाई का पंजीकरण निरस्त किया जाना चाहिए। वहीं, बंजार के देहुरी में कलवारी पंचायत के तत्वावधान में एसडीएम बंजार, सिचांई एवं जन स्वास्थय विभाग के सहायक अभियंता,  प्रदूषण, स्वास्थ्य और पयर्टन महकमंे की टीम में संयुक्त रूप से पेयजल का निरीक्षण किया तथा यहां के पानी के नमूने भी भरे। इस मौके पर मौजूद लोगों में समाजसेवी 88 वर्षीय पुष्पा शवाब ने टीम को बताया कि यह पारंपारिक स्रोत सालों से न केवल कलवारी श्रीकोट आने जाने वालों के लिए ही नहीं बल्कि घाटी की आधा दर्जन से भी ज्यादा पंचायतों के लिए चिरपरिचित है। उनका कहना है कि अब इन स्रोतों के प्रदूषित होने से जहां एक ऐतिहासिक धरोहर पर खतरा मंडरा रहा है। वहीं देहुरी के लोगों को पीने के पानी की भारी दिक्कत का भी सामना करना पड़ रहा है। उन्होंने सवाल उठाया कि सिंचाई एवं जन स्वास्थय विभाग की रिपोर्ट और हाल ही में आई ताजा नूमना रिपोर्ट के मुताबिक पानी प्रदूषित है, लेकिन प्रदूषण विभाग की रिपोर्ट में प्रदूषण का स्तर न्यूनतम दर्शाया है है ऐसा क्यों ? कलवारी पंचायत के उपप्रधान भूपेंद्र चौहान, पूर्व उपप्रधान सूवेदार मोहर सिंह राठौर, चुनी लाल, कृष्ण शर्मा, देहुरी वार्ड पंच कमलेश, रामप्यारी, कृष्णा शर्मा, छविंद्र,  शकुंतला चौहान, तीला देवी, रामदेव, बुद्धि सिंह, कृष्ण कुमार, डेाला राम आदि का कहना है कि स्थानीय पयर्टन इकाई के सीवरेज व गंदे पानी की निकासी आदि की वजह से आसपास के सभी जल स्त्रोत प्रदूषित हो गए हैं और अब उन्हें पीने के पानी के लिए कठिनाई पेश आ रही है। इन लोगों ने मांग की है कि जब तक पानी के प्रदूषण का स्तर शुन्य पर नहीं पंहुचता तब तक पयर्टन इकाई को बंद किया जाए। उधर, इस मौके पर पयर्टन इकाई के संचालक मौजूद नहीं थे। हालांकि टीम ने उपस्थित रहने का आग्रह पहले ही किया था। लोगों ने चेताया कि यदि इस पर एक सप्ताह के भीतर कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई तो जनता सड़क पर उतरने से गुरेज नहीं करेगी।  तीरथन संरक्षण एवं पयर्टन विकास एसोसिएशन के प्रधान वरुण भारती, उप प्रधान अमन नेगी, मीडिया प्रभारी परस राम भारती आदि ने भी प्राकृतिक जलसा्रेतों की स्वच्छता को लेकर गहरी चिंता व्यक्त की और कहा कि पहाड़ के प्राकृतिक जल स्रोतो पर कुठाराघात करने वालों पर कड़ी कार्रवाई होना जरूरी है। एसडीएम बंजार एमआर भारद्वाज ने कहा कि एक सप्ताह के भीतर रिपोर्ट आने पर कानून के मुताबिक कार्रवाई अमल में लाई जाएगी। पयर्टन महकमे के निरीक्षक ने भी होटल पंजीकरण से संबधित जांच करने का आश्वासन दिया। सिंचाई एवं जन स्वास्थय विभाग बंजार उपमंडल के सहायक अभियंता जसविंद्र सिंह ने पानी में प्रदूषण की मात्रा काफी उच्च होने की पुष्टि की है।


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