पेरेेंट्स की जिम्मेदारी पर मिलेंगे होस्टल

शिमला—हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय में बार-बार होने वाले लड़ाई झगड़ों को खत्म करने के लिए प्रशासन ने नया रास्ता निकाला है। अब अगर होस्टल में रहने वाले छात्रों ने थोड़ा सा भी माहौल खराब किया, तो ऐसे में उन्हें बाहर का रास्ता दिखाया जाएगा। एचपीयू प्रशासन का यह फरमान इस सत्र से होस्टल में रूकने वाले छात्रों पर लागू होगा। विश्वविद्यालय की नई शर्त के मुताबिक होस्टलों में रहने के लिए विद्यार्थियों के साथ-साथ उनके अभिभावकों को भी अंडरटेकिंग देनी होगी। होस्टल में आवेदन करते समय विद्यार्थियों को भी अंडरटेकिंग भरकर देनी होगी। इसके माध्यम से विद्यार्थियों को यह घोषणा करनी होगी कि वे हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय व होस्टलों के नियमों की अनुपालना करेंगे और किसी भी प्रकार की राजनीतिक व असामाजिक गतिविधियों में संलिप्त नहीं होंगे। यह भी घोषणा करनी होगी कि वे रैगिंग सहित अन्य किसी प्रकार की असामाजिक गतिविधियों में संलिप्त पाए जाने पर उक्त छात्र का होस्टल आबंटन रद्द कर दिया जाएगा। इसी तरह विद्यार्थियों के अभिभावकों को भी इस तरह का अंडरटेकिंग भरकर यह सुनिश्चित करना होगा कि उनका बच्चा विश्वविद्यालय के होस्टल मेें रहते समय विश्वविद्यालय व होस्टलों के नियमों पालन करेगा। होस्टल आबंटित होने की प्रक्रिया के दौरान होस्टल एडमिशन फार्म के साथ छात्रों को यह अंडरटेकिंग देनी होगी। अंडरटेकिंग के माध्यम से यह भी घोषणा करनी होगी यदि होस्टल में रहते समय किसी सामान को नुक्सान पहुंचाया तो उक्त विद्यार्थी का होस्टल आबंटन रद्द करने के अलावा रिक्वरी भी जा सकती है। गौर हो कि एचपीयू के होस्टल में माहौल शांतिपूर्ण रहे। छात्र किसी भी तरह का कोई लड़ाई झगड़ा, नियमों का उल्लंघन न करें, इसी मकसद से यह शर्त लागू की गई है। इससे पहले भी एचपीयू ने हॉस्टल में  रहने वाले छात्रों को कई तरह के निर्देष जारी किए थे। लेकिन इन निर्देषों का कोई भी फर्क छात्रों को नहीं पड़ा। यहां तक कि ब्वायज होस्टल में रहने वाले छात्र कई तरह का नुकसान भी होस्टल के कमरों को पहुुंचाते थे। वहीं होस्टल के कमरों में छात्र कई बार तोड़ फोड़ व कई चिजों को नुकसान पहुंचा कर, उसे दूसरी बार इस्तेमाल करने लायक नहीं छोड़ते थे। ऐसे में कई बार दूसरे छात्रों को वह होस्टल अलॉट हो जाता था, तो उन्हें खासी दिक्कतें होती थी। इस समस्या का समाधान निकालने के मकसद से भी एचपीयू ने यह नए रूल लागू किए है। यह रूल सभी छात्रों पर एक बराबर लागू होंग। बता दें कि प्रदेश विश्वविद्यालय का साफ तर्क है कि अभिभावकों से इस मामले पर पूरी तरह से चर्चा करने के बाद ही अडंरटेकिंग ली जाएगी। गौर हो कि प्रदेश विश्वविद्यालय के होस्टल में इस साल छात्र गुटों के बीच खुनी संघर्ष भी हो चुका है। होस्टल में छात्र गुटों के बीच कोई भी इस तरह की घटना न हो, इसके लिए भी  विश्वविद्यालय प्रशासन ने यह कदम उठाया है।

मैरिट के आधार पर होस्टल

बता दें कि काउंसिलिंग प्रक्रिया पूरी होने के बाद विश्वविद्यालय में प्रवेश प्राप्त विद्यार्थियों को होस्टल आबंटन की प्रक्रिया शुरू की जाएगी। मैरिट के आधार पर विद्यार्थियों को होस्टल सुविधा मिलेगी।