प्रशासनिक ट्रिब्यूनल भंग करने से अराजपत्रित कर्मचारी महासंघ खफा

By: Jul 18th, 2019 12:05 am

गगरेट—प्रदेश सरकार द्वारा प्रशासनिक ट्रिब्यूनल भंग करने के लिए गए निर्णय को लेकर कर्मचारी संगठनों के विरोध के स्वर मुखर होने लगे हैं। बुधवार को आईपीएच अराजपत्रित कर्मचारी महासंघ की ब्लॉक इकाई गगरेट ने प्रशासनिक ट्रिब्यूनल भंग करने के निर्णय को कर्मचारियों के हितों पर कुठाराघात करार दिया है। महासंघ ने प्रदेश सरकार से अपने इस निर्णय पर पुनर्विचार करने की मांग की है। बुधवार को लोक निर्माण विभाग के गगरेट स्थित विश्राम गृह में आयोजित आईपीएच अराजपत्रित कर्मचारी महासंघ की बैठक में प्रशासनिक ट्रिब्यूनल भंग करने के निर्णय के साथ पुरानी पेंशन व्यवस्था बहाल करने जैसे कई मुद्दे छाए रहे। आईपीएच अराजपत्रित कर्मचारी महासंघ के ब्लॉक अध्यक्ष राम कृष्ण की अध्यक्षता में हुई बैठक में महासंघ के पदाधिकारियों ने कहा कि प्रदेश सरकार के विभिन्न विभागों में कार्यरत तृतीय व चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों के लिए प्रशासनिक ट्रिब्यूनल न्याय पाने का सरल रास्ता था। अब अगर किसी कर्मचारी के साथ अन्याय होता है तो उसे न्याय के लिए उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाने के लिए काफी खर्च वहन करना पड़ेगा। उन्होंने प्रदेश सरकार से अपने इस निर्णय पर पुनर्विचार करने की मांग की है। महासंघ के पदाधिकारियों ने कहा कि ऐसे निर्णय लेने की बजाय प्रदेश सरकार कर्मचारी हित में निर्णय लेते हुए पुरानी पेंशन व्यवस्था बहाल करने पर ध्यान दे। इसके हजारों कर्मचारियों का भला होगा। इसके साथ ही तकनीकी कर्मचारियों को जहां पंजाब की तर्ज पर पे-स्केल दिया जाए वहीं तकनीकी कर्मचारियों को अविलंब चार-नौ-चौदह का टाइम स्केल भी प्रदान किया जाए। महासंघ ने कहा कि सिंचाई एवं जनस्वास्थ्य विभाग में सभी श्रेणियों के कई पद रिक्त चल रहे हैं, इन पदों को शीघ्र भरने की ओर प्रदेश सरकार ध्यान दे, ताकि कार्य सुचारू रूप से चल सके। उन्होंने कहा कि जिले में खड्डों के तटीयकरण के चलते खड्डों के आसपास स्थित सिंचाई एवं पेयजल योजनाओं को जाने वाले रास्ते बंद हो गए हैं इसलिए सिंचाई एवं पेयजल योजनाओं को जाने वाले रास्ते तत्काल ठीक किए जाएं। इस अवसर पर महासंघ के मुकेश, राजेश, अजय, नरेश, मनोज, रमन, अशोक, नरेश सहित कई पदाधिकारी व सदस्य मौजूद थे।


Keep watching our YouTube Channel ‘Divya Himachal TV’. Also,  Download our Android App