बंगाणा के स्कूल बचाएंगे पानी

प्रशासन ने शुरू की कवायद, जल शक्ति अभियान के तहत 40 स्कूलाें में बनाए जाएंगे वाटर टैंक

बंगाणा -प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के जल संरक्षण के सपने को साकार करने को लेकर बंगाणा प्रशासन जुट गया है। जल शक्ति अभियान के तहत जल संरक्षण में अब कुटलैहड़ विधानसभा क्षेत्र के सरकारी संस्थान भी अपनी अहम भूमिका निभाएंगे। इसके लिए बंगाणा प्रशासन की ओर से कवायद शुरू कर दी है। इस जल शक्ति अभियान के तहत बंगाणा क्षेत्र के 40 स्कूलों सहित अन्य सरकारी संस्थानों में 125 वर्षा जल संरक्षण टैंक बनाए जाएंगे, ताकि बारिश के पानी को एकत्रित कर इसका भी सदुपयोग किया जा सके। हालांकि गत वर्ष बंगाणा क्षेत्र में 41 स्कूलों में वर्षा जल संरक्षण टैंक बनाए गए हैं। जोकि कारगर साबित हुए हैं। वहीं, इस साल भी बंगाणा प्रशासन की ओर से जल शक्ति अभियान के तहत वर्षा जल संरक्षण के तहत टैंक बनाए जाएंगे। क्षेत्र के पटवारखानों, पंचायत घर, स्वास्थ्य संस्थान, सामुदायिक भवन सहित अन्य कार्यालयों में यह टैंक भी बनेंगे। बता दें कि गिरते भू-जल स्तर को देखते हुए केंद्र सरकार की ओर से जल संरक्षण को जल शक्ति अभियान शुरू किया गया है। इसके तहत  पौधारोपण के अलावा अन्य गतिविधियों का आयोजन किया जाएगा। वहीं, लोगों को भी जल संरक्षण को लेकर जागरूक भी किया जाएगा, ताकि लोग जल के महत्त्व को समझ सकें। जल शक्ति अभियान के तहत पांच स्तर पर काम किया जाएगा। पहला पानी बचाना व वर्षा जल संग्रहण, दूसरा परंपरागत जल स्रोतों की नवीनीकरण, तीसरा व्यक्तिगत व सामुदायिक सोकपिट बनाकर बोरवेल रिचार्ज स्ट्रक्चर, चौथा वॉटरशेड विकास तथा पांचवां पौधारोपण। सभी हितधारक मिलजुल कर इन गतिविधियों के माध्यम से भू-जल स्तर में सुधार ला सकते हैं। इसके सकारात्मक परिणाम सामने आएंगे। बताया जा रहा है कि ऊना में भू-जल स्तर का 148 प्रतिशत इस्तेमाल हो रहा है, जोकि चिंताजनक है। अगर ऐसे ही पानी का दुरुपयोग होता रहा और भू-जल में गिरावट आती रही तो इसके गंभीर परिणाम हो सकते हैं। भू-जल स्तर को मानसून से पहले व मानसून के बाद मापा जाता है, जिसमें सामने आया है कि जिला में अधिकतर जगहों पर मानसून से पहले व बाद भी पानी का स्तर गिर रहा है। बहरहाल, अब बंगाणा प्रशासन ने जल शक्ति अभियान के तहत लक्ष्य निर्धारित किया है। वहीं, बीडीओ बंगाणा सोनू गोयल ने कहा कि जल शक्ति अभियान के तहत बंगाणा क्षेत्र के 40 स्कूलों सहित अन्य सरकारी संस्थानों में 125 वर्षा जल संरक्षण टैंक बनाए जाएंगे,  ताकि बारिश के पानी को एकत्रित कर इसका भी सदुपयोग किया जा सके। जल शक्ति अभियान के तहत लोगों को भी जागरूक किया जाएगा, ताकि लोग जल के महत्त्व को भी जान सकें।