बरसात में फंगल इन्फेक्शन से बचाएं अपनी त्वचा
नगरोटा बगवां—बरसात का मौसम आते ही त्वचा से संबंधित कई रोग सामने आते हैं । यदि हम घर पर ही कुछ सावधानियां बरतें तो इन रोगों से निजात पाई जा सकती है । यह कहना है नगरोटा बगवां के पंचशील अस्पताल के विरमानी स्किन केयर सेंटर में सेवारत त्वचा विशेषज्ञ डा. मल्लिका अरोड़ा का । उन्होंने बताया कि अकसर देखा जाता है कि बरसात के मौसम में फंगल इन्फेक्शन से रूसी, चेहरे पर चिपचिपापन एवं चेहरे का निखार बिलकुल चला जाता है । बरसात के मौसम में नमी होने के कारण एवं बरसात के गंदे पानी से पैर गीले होने के कारण फंगल इन्फेक्शन हो जाता है । इससे बचने के लिए अपने शरीर की सफाई रखना बहुत ही आवश्यक है । उन्होंने बताया कि मानवीय त्वचा चार प्रकार की होती है । बारिश के मौसम में जिनकी त्वचा सूखी होती है वह कम से कम आठ गिलास रोजाना पानी पिएं तथा संतरा व नींबू सहित सब्जियों में पाए जाने वाले विटामिन का प्रयोग करें । इसका घरेलू उपचार बताते हुए उन्होंने कहा कि दो चम्मच दूध में शहद की दो से चार बूंदें मिलाएं और 20 मिनट पर चेहरे पर लगाने के बाद साफ पानी से धोएं । चिकनी त्वचा के लिए उन्होंने आयल कंट्रोल डीप कैलेंजर का दिन में दो से चार बार प्रयोग तथा हफ्ते में एक बार स्क्रब करना जरूरी बताया । चिकनी त्वचा के लिए उन्होंने घरेलू नुस्खा बताते हुए कहा कि दो चम्मच पपीते के पेस्ट में एक चम्मच दही और एक चम्मच एलोवेरा जेल में दो से तीन बूंदे चमेली का तेल लगाने से त्वचा में निखार आता है । त्वचा के एक अन्य प्रचलित रोग सोरायसिस के बारे में बताते हुए डा. मल्लिका ने कहा कि सोरायसिस प्रतिरक्षा प्रणाली की खराबी के कारण एक आम जीर्ण सूजन संबंधी त्वचा की एक ऐसी स्थिति है, जिसमें लाल रंग के धब्बे चांदी रंग की परतदार त्वचा दिखाई देती है ।
सोरायसिस के मरीजों को धूप सबसे बेेेस्ट
सोरायसिस के मरीज धूप सेवन करें । सूर्य की अल्ट्रावायलेट किरणें सोरायसिस के घावों में सुधार लाने में सहायक सिद्ध होती हैं और खुजली में राहत मिलती है । सोरायसिस के मरीज सुगंधित उत्पादों व इतर आदि का प्रयोग बिलकुल भी न करें । ऐसी त्वचा पर खरोंच लगने से संक्रमण पैदा होने की संभावना रहती है, जिसमें जीवाणु पनप सकते हैं ।
Keep watching our YouTube Channel ‘Divya Himachal TV’. Also, Download our Android App