बरसात…सतर्क रहे शिमला

By: Jul 16th, 2019 12:05 am

शिमला —अब बरसात आ गई है, इसे लेकर समय रहते सतर्कता बरतना जरूरी है। जलजनित रोगांे पर इस बाबत एक बैठक का आयोजन किया गया, जिस पर जिला सीएमओ डा. नीरज मित्तल का कहना है कि मौसम के परिवर्तित होते ही स्वास्थ्य के प्रति सचेत और सजग रहना आवश्यक होता है। गर्मियों के  मौसम के तुरंत बाद आने वाले बरसात के मौसम  में लापरवाह रहने पर अधितकतर स्वास्थ्य समस्याओं का सामना करना पड़ता है। इसमें दस्त, आंत्रशोथ, पीलिया, स्क्रब टायफस, डेंगू, टायफायड आदि अन्य रोग प्रमुख हैं। जिला शिमला के मुख्य चिकित्सा अधिकारी डा. नीरज मित्तल ने बताया कि बरसात के आगमन पर मच्छरों की तादात में इजाफा होने पर ये मलेरिया और डेंगू जैसे रोग संक्रमण का माध्यम बनते हैं, जिसमें अकसर तेज बुखार, मांसपेशियों  तथा जोड़ों में दर्द, जी मचलाना जैसी शिकायत हो सकती है। इसके अतिरिक्त  दूषित पानी व दूषित  खाद्य और पेय पदार्थों  के प्रयोग से सूक्ष्म  विषाणु द्वारा दस्त, आंत्रशोध, पीलिया रोग, हेपेटाइटिस ए व ई होने की संभावनाएं रहती हैं, जिसमें थकान के साथ रोगी की आंखों व नाखूनों का रंग पीला हो जाता है और उसे भूख भी कम लगती है। इसके अतिरिक्त बरसात के मौसम परिवर्तन अंतराल में खेतों, झाडि़यों व घास में रहने वाले चूहों में पनप रहे रिकेटशिया संक्रमित माइट, पिस्सु के काटने से स्क्रब टायफस नामक रोग हो सकता है।

बीमारियों से बचने के लिए ये क रंे उपचार

जिला सीएमओ ने बताया कि इन समस्याओं से बचने के लिए साफ -सफाई का विशेष ध्यान रखें। पानी 15 मिनट तक उबाल  कर पीयें, गले सड़े, या कटे  फल सब्जिओं व बासी भोजन  का इस्तेमाल न करें। घरों के आसपास पानी और खरपतवार इकट्ठा न होने दें, ताकि इनमें बीमारी फैलाने वाले मच्छर अथवा  माइट न पनप पाएं, खेतों  में काम करते समय हलके रंग के कपड़े पहनंे और हाथ पैरों को पूरा ढकें। घर के अंदर और आसपास  कीटनाशक दवाओं का छिड़काव  करें। यदि फिर भी किसी प्रकार की स्वास्थ्य समस्या होती है तो झाड़ फूं क  में समय न गवाएं, नजदीकी स्वास्थ्य केंद्र में संपर्क कर तुरंत उपचार करवाएं।


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