बागबानों ने बनाया स्टेट लेवल महासंघ

ठियोग—ठियोग में हिमाचल प्रदेश के प्रमुख फल उत्पादक संगठनों की  बैठक संपन्न हुई। बैठक का उदेश्य हिमाचल के संपूर्ण फल उत्पादकों (विशेष कर सेब एवं नाशपाती) को संगठित करना और मिलकर अपनी समस्याओं का समाधान करने को लेकर आवाज़ उठाना है। हिमाचल प्रदेश के प्रमुख बागवान संगठनों ने सकारात्मक रुख अपनाते हुए इस मीटिंग में बढ़ चढ़ कर हिस्सा लिया। महासंघ के नवनियुक्त संयोजक राजीव चौहान ने बताया कि प्रदेश के बागवानों की समस्याएं एक समान है और आजतक किसी सरकार का ध्यान समस्याओं को दूर करने की ओर नहीं गया। उन्होंने कहा कि  बागवान आज से पचास साल पहले भी शोषित था और आज की  21वी सदी में भी शोषण का शिकार है। इन बीते वर्षो में अनेकों किसान बागवान संगठन बने, लेकिन इतिहास गवाह है सब के सब राजनीति के शिकार हो गए। अब कुछ समय से कुछ ऐसे समूहों का गठन हुआ है जो गैर-राजनैतिक रूप से बागवानों के उत्थान के लिऐ गंभीर रूप से काम कर रहे है। समस्या ये के सभी संगठन क्षेत्रीय समस्याओं के समाधान करने में  व्यस्त रहते है।  अगर किसी ने आवाज़ उठाने की कोशिश की तो उसे हल्के में लिया गया। इसीलिए संपूर्ण हिमाचल प्रदेश के सेब एवं नाशपाती बागवानों को संगठित करने की आवश्यकता महसूस हुई। बैठक में  एक ऐतिहासिक  शुरुआत करते हुए  हिमाचल के प्रमुख बागबान संगठनों ने एक महासंघ का गठन किया। महासंघ का नाम फोग रखा गया । जिसमें प्रदेश भर की नौ एसोसिएशन के सदस्य समलित हुए। प्रदेश भर के प्रमुख नौ एसोसिएशन में हिमालयन ऐप्पल ग्रोअर्स सोसाइटी हैगज, आनी वैली ग्रौवर्स एसोसिएशन, रोहड़ू कृषि समाधान सहकारी विपणन सभा, फल फूल एवं सब्जी उत्पादक संघ शिमला, कोटगढ़ बागवानी एवं पर्यावरण सोसाइटी थानाधार, नावर वैली ऐप्पल वेलफेयर ऐंड रिवाइवल सोसाइटी टिक्कर, प्रोग्रेसिव ग्रौवर्स ऐसोसीएशन, इकोहार्ट सोसाइटी नन्द्पुर,  यंग एंड युनाइटेड ग्रोवर्स ऐसोसिएशन संगठन शामिल हुए। इनमें से राजीव  चौहान, बलवंत जस्टा, रनवीर झौटा, राजेश धाण्टा, राकेश ठाकुर, वीरेन्द्र परमार, आषित सिंघा, डी एन चौहान, जयंत अत्रेटा,  भगत सिंह ठाकुर,  माहीजीत ठाकुर,  वीरेन्द्र जगिद्ठा,  पुरुषोत्तम जगिद्ठा, हरीश चौहान, सुनील चौहान, राजेश चौहान,  लोकिन्दर बिष्ट,  कुनाल चौहान,  दीक्षित चौहान,  दीपक सिंघा,  सुभाष जिस्टू,  ठाकुर सुरेन्द्र सिंह, धीरज जि़ंटा, लायक राम ओस्टा,  लक्ष्मण ठाकुर, इंदर विक्त्रम सरजोलटा,  गुमान सिंह सोप्टा को सर्वसम्मति से महासंघ में शामिल किया गया।  इसमें राजीव चौहान को संयोजक, वीरेन्द्र परमार समन्वयक,  कुनाल चौहान – समन्वयक और राजेश धांटा – मीडिया प्रभारी नियुक्त किया गया । फोग  की पहली सभा में दो मुख्य मुद्दों पर गहन चर्चा की गयी। पहला मुद्दा विदेशी सेब का भारत में आयात रहा।  सभी संगठनों की आम राय है कि चीनी सेब के आयात पर प्रतिबंध जारी रहना चाहिए। अगर प्रतिबंध हटाया जाता है तो भारतीय बाज़ार में चीनी सेब की बाढ़ आ जाएगी और हिमाचली सेब घट कर आधे रह जाएंगे। न केवल हिमाचल अपितु कश्मीर व उत्तराखंड के बागवानों को भी इसकी मार झेलनी पड़ेगी। 4000 करोड़ की बागवानी पर गहरा संकट आ जाएगा।  महासंघ ने अमरीकी सेब पर आयात शुल्क बढ़ाने पर संतोष ज़ाहिर की है। इसके लिऐ मोदी सरकार का धन्यवाद किया है। वहीं पर महासंघ सरकार से मांग करता है कि अन्य देशों से आयात होने वाले सेबों पर भी शुल्क अमरीका की तर्ज़ पर  बढ़ाया जाए। दूसरा मुद्दा एपीएमसी ऐक्ट का रहा। गहन चिंतन के बाद महासंघ इस नतीजे पर पहुंचा कि एपीएमसी एक्ट को संशोधित किया जाना चाहिए क्योंकि एक तो यह भ्रमित करने वाला है और दूसरा बागबानों के बजाए व्यापारियों का पक्ष लेता नजर आता है। महासंघ के संयोजक राजीव चौहान ने कहा कि बागबानों के लिऐ बनाई जारही योजनाओं में बागबानों को शामिल किया जाना चाहिए।