बिलासपुर में आठ रिक्टर का आया भूकंप

बिलासपुर —आपदाएं कभी भी आ सकती हैं। इसके लिए पहले से योजना बनाना महत्त्वपूर्ण होती है, ताकि आपदा से होने वाले नुकसान को कम किया जा सके। इसके लिए प्रदेशभर में आपदा प्रबंधन के दौरान किए जाने वाले बचाव कार्यों और त्वरित कार्रवाई के लिए जिला स्तरीय तथा उपमंडल स्तर पर मॉकड्रिल का आयोजन किया गया। कार्यकारी उपायुक्त विनय धीमान ने बताया कि जिला बिलासपुर में भूकंप पर आधारित विभिन्न स्थलों पर मॉकड्रिल का आयोजन किया गया। घाघस, जवाहर नवोदय विद्यालय कोठीपुर, मेन मार्केट बिलासपुर तथा उपमंडल स्तर पर नयनादेवी मंदिर, झंडूता कालेज और घुमारवीं अस्पताल क्षेत्र में भी मॉकड्रिल का आयोजन किया गया। उन्होंने बताया कि जिला में रात्रि 12 बजे भूकंप आया, जिसकी तीव्रता आठ रिक्टर पैमाने पर मापी गई। प्रातः छह बजे हूटर बजने के तुरंत बाद जिला में आपदा प्रबंधन से जुड़े प्रशासनिक अधिकारी/कर्मचारी, स्वयंसेवी तथा आमजन निर्धारित स्टेजिंग एरिया कालेज ग्राउंड में पहुंच गए, जहां से आकलन व राहत कार्य में जुटी टीमों को घटनास्थल पर भेज दिया गया। उन्होंने बताया कि घटना के उपरांत बचाव कार्य को इंसीडेंट रिंसपांेंस सिस्टम की तर्ज पर पूर्ण किया गया। इसके तहत सभी अधिकारियों की जिम्मेदारी निर्धारित की गई थी, जिसमें आपदा के दौरान प्रयोग में लाए जाने वाले विभिन्न संसाधानों, रणनीति, कंमाड, आपरेशन, योजना, क्षमता तथा लक्ष्य इत्यादि के संदर्भ में कार्य योजना तैयार करके परिस्थिति से निपटने के लिए घटनास्थल पर राहत टीमों को आवश्यक उपकरणों के साथ भेजा गया, ताकि प्रभावित लोगों को शीघ्र राहत प्रदान करके होने वाले नुकसान को कम किया जा सके। उन्होंने कहा कि इस प्रकार के मॉकड्रिल का उद्देश्य यह रहता है कि किसी भी प्रकार की आपदा से निपटने के लिए क्या-क्या सुविधाएं हैं और क्या कमियां है, ताकि उनकी गहनता से समीक्षा करके भविष्य के लिए उनमें सुधार लाया जा सके। उन्होंने कहा कि मॉकड्रिल के दौरान उजागर हुई विभिन्न कमियों और कठिनाइयों को दूर करने के लिए संबंधित विभागों को दिशा-निर्देश दिए जाएंगे, ताकि भविष्य में किसी भी प्रकार की आपदा के दौरान बेहतर राहत कार्य किया जा सकें। उन्होंने कहा कि राहत कार्यों में लगी टीमें पूर्ण सतर्कता, संयम व साहस से कार्य करें, ताकि आत्मरक्षा के साथ-साथ प्रभावितों को बचाया जा सकें। मॉकड्रिल के दौरान सभी विभागों को सौंपी गई भूमिकाएं सराहनीय रही और सभी ने ईमानदारी, कर्त्तव्यनिष्ठा, पूर्ण तत्परता व सजगता से कार्य करते हुए पूरी मॉकड्रिल के दृश्यांकन को सजीवता का रूप देते हुए इस प्रक्रिया को सफल बनाया।