बॉन्ड बिक्री में फायदे से ज्यादा नुकसान

अर्थशास्त्री मोंटेक अहलूवालिया ने मोदी सरकार को योजना टालने का दिया सुझाव

मुंबई -अर्थशास्त्री और योजना आयोग के उपाध्यक्ष रहे मोंटेक सिंह अहलूवालिया ने मोदी सरकार को विदेशी बॉन्ड बाजार का उपयोग करते हुए धन जुटाने की योजना टालने का सुझाव दिया है। उनका कहना है कि पूर्व में भी सरकारी बांड को विदेशी बाजारों में बेचने पर विचार किया गया था, लेकिन बाद में इसे छोड़ दिया गया, क्योंकि इसमें नुकसान ज्यादा और फायदा कम दिखाई दिया। उन्होंने यह बात नरेंद्र मोदी सरकार के विदेशी बाजार से कर्ज लेने की योजना के तहत कम-से-कम 70000 करोड़ रुपए विदेशों में सरकारी बॉन्ड बेचकर जुटाने के प्रस्ताव के बारे में कही है। सरकार अब तक घरेलू बाजार से ही कोष जुटाती रही है। अहलूवालिया ने कहा,  हमें लगता है कि इससे लाभ के बजाए नुकसान ज्यादा होगा। उन्होंने कहा कि अगर आप चाहते हैं कि अधिक विदेशी धन यहां आए तो आप विदेशी मुद्रा में सीधे उधार क्यों लेना चाहते हैं? आप उन्हें पैसा लाने दीजिए तथा उन्हें यहां बॉन्ड खरीदने दीजिए। अहलूवालिया ने कहा कि सार्वजनिक बॉन्ड की बिक्री विदेशी निवेशकों को करने से केवल विदेशी मर्चेंट बैंकरों को ही फायदा होगा। वह धन की व्यवस्था करने के लिए भारी कमिशन हासिल करेंगे। हालांकि, उन्होंने कहा कि सरकार थोड़ी सी राशि पाने के लिए कोष जुटाने के वैकल्पिक मार्ग के रूप में इस पर विचार कर सकती है। उन्होंने यह भी पूछा कि सरकार की ओर से जुटाई जाने वाली राशि की सीमा का खुलासा न होने से निजी क्षेत्र के कर्ज का क्या होगा।