ब्रिगेडियर ठाकुर की जुबानी… आपरेशन खुखरी की कहानी

पनारसा—आपरेशन खुकरी अफ्रीका विद्रोहियों के चंगुल में फंसे 234 शांती सैनिकों, जिनमें 223 भारतीय सैनिक थे को आजाद करवाने के लिए चलाया गया था। कारगिल युद्ध के हीरो सेवानिवृत्त ब्रिगेडियर खुशहाल ठाकुर के नेतृत्व में कारगिल युद्ध के बाद 18 ग्रनेडियर ने 15 जुलाई, 2000 को विदेशी धरती पर अपनी वीरता के झंडे गाड़े थे। ब्रिगेडियर ठाकुर ने बताया कि यूएन मिशन पर गए 223 भारतीय सैनिकों को सिरालियोन के घने जंगलों में  विद्रोहियों द्वारा घेराबंदी कर बंधक बनाया था। वैसे तो ये आपरेशन यूनाइटेड मिशन के तत्त्वावधान में किया गया, लेकिन बंधक भारतीय सैनिकों की संख्या अधिक होने के कारण भारतीय सेना को इसकी जिम्मेदारी दी गई। कारगिल युद्ध में वीरता के झंड़े गाड़ने वाली 18 ग्रेनेडियर को आपरेशन खुकरी की जिम्मेदारी दी गई। 20 मई, 2000 को बिग्रेडियर खुशहाल ठाकुर के नेतृत्व में पूरी बटालियन सिरालियोन की धरती पर केवल दस दिनों की तैयारी में पहुंची। भारतीय सेना ने वहां पहुंचते ही कई महत्त्वपूर्ण आपरेशन कर डाले, जिससे सिएरा लियोन में भारतीय सेना का दबदबा कायम हो गया तथा विद्रोही भारतीय शेरों के खौफ से डरने लगे। बंधकों को  विद्रोहियों ने घने जंगल में 80 किलोमीटर दूर एक इमारत में बंधक बनाकर 75 दिनों से ज्यादा घेराबंदी करके रखा तथा खाने का सामान, दवाइयां व दूसरा सामान अंदर जाने से रोक दिया व बीमार सैनिकों  को भी बाहर नहीं आने दे रहे थे।  धीरे-धीरे स्थिति बिगड़ती चली गई। स्थानीय व डिपलोमैटिक स्तर पर भी कोई हल नहीं निकल पा रहा था। बंधकों को छुड़ाने के लिए अंतरराष्ट्रीय स्तर पर मिलट्री आपरेश्न चलाया गया। इस आपरेशन में 18 ग्रिनेडियर ने अहम भूमिका निभाई। भारतीय सेना ने ब्रिगेडियर खुशहाल ठाकुर के नेतृत्व में हेलिकापटर की मदद से व बखतरबंद गाडि़यों व पैदल सेना द्वारा विद्रोहियों को टारगेट किया और जगह-जगह रोड ब्लॉक लगाए गए। इसके अलावा 58 गोरखा राइफल, पैरा कमांडो व बाकी दस्तों ने इमारत की घेराबंदी को तोड़ा और हेलिकाप्टर व सड़क के रास्ते बंधक सैनिकों को निकाला। कठिन परिस्थितियों और कई बाधाओं का सामना करने के बाद 15 जुलाई, 2000 को 18 ग्रनेडियर ने बंधकों को छुड़वाने में सफलता हासिल की। बंधकों को छुड़वाकर जब 18 ग्रनेडियर लौट रहे थे तो विद्रोहियों ने घात लगाकर सैनिकों पर हमला भी किया। इस हमले में सेना का एक वाहन आ गया। इस हमले में हिमाचल के सपूत हवलदार किशन कुमार शहीद हो गए और हिमाचल के ही सूबेदार लीला राम गंभीर रूप से घायल हो गए। आपरेशन खुकरी की सफलता के बाद तत्त्कालीन रक्षा मंत्री अपने वीर सैनिकों को हौसला बढ़ाने के लिए स्वयं सिरालियोन आए थे। आपरेशन खुकरी  की सफलता के लिए सिएरालियोन की सरकार व तत्त्कालीन  संयुक्त राष्ट्र सेक्रेटरी जनरल कोफी अननान ने भी सराहना की व बधाई दी।