भारत में दो ऐसी नदियां हैं जो पश्चिम दिशा में प्रवाहित होती हैं

By: Jul 31st, 2019 12:04 am

भारत वर्ष में केवल दो ही ऐसी नदियां हैं, जो कि पश्चिम दिशा में प्रवाहित होती हैं, एक पावन जल वाहिनी गंगा तथा दूसरी स्यूल नदी। इन दोनों की एक बड़ी विशेषता यह भी है कि इन नदियों के जल में कई-कई सालों तक सड़न पैदा नहीं होती है। रावी नदी स्यूल खड्ड के बिना अधूरी रह जाती यदि प्रकृति ने इनका  संगम न कराया होता…

गतांक से आगे …           

भारत वर्ष में केवल दो ही ऐसी नदियां हैं जो कि पश्चिम दिशा में प्रवाहित होती हैं, एक पावन जल वाहिनी गंगा तथा दूसरी स्यूल नदी। इन दोनों की एक बड़ी विशेषता यह भी है कि इन नदियों के जल में कई कई सालों तक सड़न पैदा नहीं होती है। रावी नदी स्यूल खड्ड के बिना अधूरी रह जाती यदि प्रकृति ने इनका  संगम न कराया होता। अपरचुराह के पश्चिम पंचतारा  की जोतों से बहने वाली सभी जल धाराएं सम्मिलित होकर परगना बैरा की  ओर प्रवाहित होती हैं और वह  जलधारा ‘बैरा खड्ड’ के नाम से जानी जाती है। पास  की सभी  पर्वत श्रेणियों का जल ‘सतरूंडी खड्ड’ का सृजन करता है। यह खड्ड भी तरेला नामक स्थान के समीप ‘बैरा खड्ड’ में मिल जाती  है। मैहलवार धार की  सिगड़ा नामक चोटियों से प्रवाहित होने वाली सभी जलधाराएं ‘मुलवास खड्ड’ कहलाती है। यह खड्ड भी लोअर तरेला  नामक स्थान पर इसी जलधारा में सम्मिलित हो जाती है। कालावन और रानीकोट की पर्वत श्रेणियों से प्रवाहित होने वाली जलधाराएं ‘खरथ खड्ड’ के  नाम से जानी जाती हैं। ‘खरथ खड्ड’ का भी ‘बैरा खड्ड’ में विलय हो जाता है। परगना बैरा के पूर्व  में विद्यमान ‘गड़ासरू महादेव डल’ की मूल धारा आसपास  के सभी पर्वत शिखरों का जल अपने  में सम्मिलित करती हुई ‘शिलाई खड्ड’ के नाम से जानी जाती है। इस खड्ड के पूर्वोत्तर में  स्थित चैहणी जोत की सभी  जलधाराएं चैहणी खड् का सृजन करती हैं। चैहणी जोत से सटे हुई अडउ जोत की सभी जल धाराएं ऐथण खड्ड का निर्माण करती हैं। चैहणी और  ऐथण खड्ड हैल गांव के समीप आपस  में मिल जाती हैं तथा गांव से कुछ दूरी पर यह जलधारा  खिलाउ खड्ड में विलीन हो जाती है। उसके  आगे इस विशाल जल धारा को बलसियो खड्ड के नाम से जाना जाता है। इस  खड्ड में सुपरांजला खड्ड तथा गुलेई खड्ड इत्यादि भी मिलती हैं। इस प्रकार एक विशाल जलधारा  वाहिनी बनकर बलसियों खड्ड का बडियों नामक स्थान पर बैरा खड्ड के साथ संगम हो जाता है                       


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