भूकंप से बचाव की मॉकड्रिल आज

कुल्लू —आपदा प्रबंधन के लिए एक त्वरित एवं प्रभावी तंत्र विकसित करने के लिए गुरूवार  को प्रदेश भर में एक मेगा मॉकड्रिल करवाई जाएगी और यह सुबह किसी भी समय अचानक खतरे का सायरन बजते ही आरंभ कर दी जाएगी। इस मॉकड्रिल के दौरान भूकंप जैसी प्राकृतिक आपदा में बचाव व राहत कार्यों का अभ्यास किया जाएगा। बुधवार को राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण  एसडीएम उच्च अधिकारियों ने शिमला से वीडियो कान्फ्रेंसिंग के माध्यम से प्रदेश के सभी जिला आपदा प्रबंधन प्राधिकरणों, डीडीएम के  अधिकारियों के साथ मिलकर टेबल टॉप एक्सरसाइज की और आपदा प्रबंधन के लिए आवश्यक संसाधनों तथा उनके सदुपयोग पर विस्तार से चर्चा की। टेबल टॉप एक्सरसाइज के दौरान राजस्व विभाग के प्रधान सचिव ओंकार शर्मा, मेजर जनरल वीके नायक और अन्य उच्च अधिकारियों ने डीडीएम के अधिकारियों को आवश्यक दिशा-निर्देश दिए। उक्त एक्सरसाइज के बाद उपायुक्त एवं डीडीएम कुल्लू की अध्यक्ष डा. ऋचा वर्मा ने आपदा प्रबंधन से संबंधित सभी विभागों के अधिकारियों के साथ बैठक करके मॉकड्रिल की तैयारियों को लेकर विस्तार से चर्चा की। उन्होंने कहा कि जिला आपदा प्रबंधन योजना में सभी अधिकारियों की जिम्मेदारियां पहले से ही नामांकित की गई हैं। मेगा मॉकड्रिल के इन अधिकारियों को इसी योजना के अनुसार पूरी जिम्मेदारी व जवाबदेही के साथ कार्य करना होगा। इसमें कोई भी कोताही कतई बर्दाश्त नहीं की जाएगी। उन्होंने कहा कि गुरुवार सुबह  किसी भी समय सायरन बजाकर भूकंप के आने की सूचना दी जाएगी। सायरन बजते ही नामांकित अधिकारी जिला आपातकालीन संचालन केंद्र पहुंचेंगे, जबकि अन्य अधिकारी अपने-अपने विभागों के कर्मचारियों और संसाधनों के साथ ढालपुर मैदान में पहुंचेंगे। मॉकड्रिल के दौरान ढालपुर मैदान में ही स्टेजिंग एरिया तथा शिविर स्थापित किया जाएगा तथा यहीं से ही तमाम बचाव व राहत कार्य संचालित किए जाएंगे। उपायुक्त ने बताया कि एसडीएमए ने मॉक ड्रिल के लिए रिक्टर स्केल पर 8 की तीव्रता के भूकंप का परिदृश्य दिया है। डीडीएमए को इसी परिदृश्य के अनुसार बचाव व राहत कार्यों को अंजाम देना होगा। उन्होंने बताया कि इस दौरान जिला मुख्यालय के घनी आबादी वाले क्षेत्र अखाड़ा बाजार के अलावा मनाली,  बंजार और आनी में भी भूकंप के दौरान ध्वस्त मकानों में फंंसे लोगों को सुरक्षित निकालने का अभ्यास किया जाएगा। मॉक ड्रिल के लिए एसडीएम ने विशेष रूप से पर्यवेक्षक भी नियुक्त किए हैं, जो कि बचाव व राहत कार्यों पर कड़ी नजर रखेंगे।