मध्यम वर्ग को राहत नहीं अमीरों पर ज्यादा टैक्स

By: Jul 6th, 2019 12:07 am

वर्तमान में ऐसा है इन्कम टैक्स

आय           टैक्स

ढाई लाख  कोई आयरकर नहीं

ढाई से पांच लाख     पांच प्रतिशत

पांच से 10 लाख      20 प्रतिशत + उपकर      

दस लाख रुपए से अधिक        30 प्रतिशत+ उपकर

पूर्ण बजट

से उम्मीद लगाए बैठे मिडल क्लास को निराशा

दो से पांच करोड़ तक आमदनी पर  अधिभार 15 प्रतिशत से बढ़ाकर 25 प्रतिशत

पांच करोड़ से ज्यादा आमदनी पर अधिभार बढ़ाकर 37 फीसदी

नई दिल्ली -आयकर में बड़ी राहत की उम्मीद लगाए मध्यम वर्ग को बजट से निराशा हाथ लगी है। सरकार ने अंतरिम बजट में पांच लाख रुपए तक की आय पर शत-प्रतिशत कर छूट देने का ऐलान किया था। मध्यम वर्ग को उम्मीद थी कि पूर्ण बजट में कर स्लैब में बदलाव किया जाएगा, किंतु बजट में इसमें कोई बदलाव नहीं किया गया है। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने शुक्रवार को नरेंद्र मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल का पहला आम बजट पेश करते हुए कर स्लैब में कोई बदलाव नहीं किया। हालांकि प्रत्यक्ष कर राजस्व बढ़ाने के लिए 2019-20 के बजट में अधिभार के माध्यम से अमीरों पर कर का बोझ बढ़ाया गया है। पहले एक करोड़ रुपए से ज्यादा की कर योग्य आय वालों को व्यक्तिगत आयकर पर 15 प्रतिशत अधिभार देना होता था। शुक्रवार पेश बजट में एक करोड़ से ज्यादा और दो करोड़ रुपए तक की आय वालों के लिए अधिभार 15 प्रतिशत पर स्थिर रखा गया है। दो करोड़ से ज्यादा और पांच करोड़ रुपए तक की आमदनी वालों के लिए अधिभार 15 प्रतिशत से बढ़ाकर 25 प्रतिशत कर दिया गया है, जबकि पांच करोड़ रुपए से ज्यादा की आमदनी वालों के लिए अधिभार बढ़ाकर 37 प्रतिशत किया गया है। श्रीमती सीतारमण ने बताया कि इसे दो करोड़ से अधिक और पांच करोड़ रुपए तक की सालाना आय वालों को पहले की तुलना में तीन प्रतिशत तथा पांच करोड़ रुपए से अधिक की आय वालों को सात प्रतिशत ज्यादा कर देना होगा। दो करोड़ रुपए तक की आय वालों के लिए कर स्लैब में कोई बदलाव नहीं किए जाने से यह पहले की तरह ही रहेंगे। पांच लाख रुपए सालाना से अधिक आय पर ही करदाता कर भुगतान के दायरे में आएंगे। पिछले वित्त वर्ष में अढ़ाई से पांच लाख रुपए की आय पर पांच प्रतिशत आयकर देय था। पांच लाख से अधिक और दस लाख रुपए तक की आय पर कर 20 प्रतिशत लगता था। दस लाख रुपए से अधिक आय पर कर दर 30 प्रतिशत थी। इस प्रकार पांच लाख रुपए से एक रुपया भी आमदनी अधिक होने पर पूरी राशि आयकर के दायरे में आ जाएगी।

बदली परंपराः ब्रीफकेस में नहीं लाल कपड़े में लपेटा बजट, नाम रखा बही खाता

नई दिल्ली। देश की पूर्णकालिक पहली महिला वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने शुक्रवार को नरेंद्र मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल का पहला बजट पेश करने के दौरान वर्षों पुरानी परंपरा को बदल दिया। वित्त मंत्री बजट पेश करने के लिए जब अपने मंत्रालय से बाहर आईं, तो उनके हाथ में इस मौके पर पहले के वित्त मंत्रियों के हाथ में नजर आने वाला लाल रंग का ब्रीफकेस नहीं, बल्कि इसी रंग का अशोक स्तंभ वाला मखमली कपड़े का एक पैकेट था, जिसमें बजट रखा हुआ था। मुख्य आर्थिक सलाहकार के सुब्रह्मण्यन ने ब्रीफकेस की जगह बजट को लाल रंग के कपड़े में लाने का कारण बताया। उन्होंने कहा कि यह भारतीय परंपरा है और पश्चिमी विचारों की गुलामी से निकलने का प्रतीक। यह बजट नहीं, बही-खाता है।

कारोबारियों को 59 मिनट में  लोन, पेंशन भी

नई दिल्ली। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल का पहला बजट पेश कर रही हैं। उन्होंने कहा कि मुद्रा योजना से लोगों की जिंदगी बदली है और रोजगार के लिए हमें उद्योगों में और निवेश की जरूरत है। उन्होंने इस दौरान छोटे और मंझोले व्यापारियों के लिए एक अच्छी खबर दी है। वित्त मंत्री ने कहा कि छोटे कारोबारियों को 59 मिनट में लोन मिलेगा। इसके साथ ही व्यापारियों को भी पेंशन दी जाएगी। वित्त मंत्री ने कहा कि 1.5 करोड़ के टर्नओवर वाले खुदरा दुकानदारों को प्रधानमंत्री कर्मयोगी मानधन योजना के तहत पेंशन दी जाएगी। इसके तहत तीन करोड़ अतिरिक्त दुकानदारों को पेंशन का लाभ मिलेगा। मैं सोशल स्टॉक एक्सचेंज बनाने का प्रस्ताव रखती हूं।

किसानों के लिए 1.39 लाख करोड़

नई दिल्ली। केंद्र ने चालू वित्त वर्ष में कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय के लिए आबंटन को 78 प्रतिशत बढ़ाकर 1.39 लाख करोड़ रुपए कर दिया है। इसमें से 75000 करोड़ रुपए की राशि सरकार की महत्त्वाकांक्षी पीएम-किसान योजना के लिए आबंटित की गई है। सरकार ने वित्त वर्ष 2018-19 के संशोधित बजट अनुमान में इसके लिए 77752 करोड़ रुपए का आबंटन किया था। आम चुनाव से ठीक पहले प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि (पीएम-किसान) योजना की शुरुआत की गई थी। इस योजना का लक्ष्य देश के 12.6 करोड़ छोटे और सीमांत किसानों को तीन बराबर किस्तों में कुल 6000 रुपए देना है। इसके अलावा सरकार ने चालू वित्त वर्ष में प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के लिए आबंटन को बढ़ाकर 14000 करोड़ रुपए करने का भी फैसला किया है। वित्त वर्ष 2018-19 के संशोधित अनुमान के मुताबिक इस योजना के लिए 12975.70 करोड़ रुपए का प्रावधान किया गया था।

आय होगी दोगुनी

वित्त मंत्री सीतारमण ने कहा कि 10 हजार नए किसान उत्पादक संगठनों का अगले पांच साल में निर्माण किया जाएगा। जीरो बजट खेती पर जोर दिया जाएगा। खेती के बुनियादी तरीकों पर लौटना इसका उद्देश्य है। इसी से किसानों की आय दोगुनी करने का लक्ष्य पूरा होगा। खाद्यानों, दलहनों, तिलहनों, फलों और सब्जियों की स्व-पर्याप्तता और निर्यात पर विशेष रूप से जोर दिया गया है।

गांव-शहर में अंतर कम

नई दिल्ली। मोदी सरकार ने इस बजट में इन्फ्रास्ट्रक्चर को बेहतर बनाने पर जोर दिया है। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने शुक्रवार को बजट भाषण में कहा कि केंद्र सरकार अगले पांच साल में इन्फ्रास्ट्रक्चर को अपग्रेड करने पर 100 लाख करोड़ रुपए खर्च करेगी। इन्फ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट देश में गांव और शहर के बीच खाई को कम करने का काम करेंगे।

नारी शक्ति का रखा गया ख्याल

तो यह बात है…

  वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण का ऐलान

 स्वयं सहायता समूह की प्रत्येक सदस्य को

5000 रुपए के ओवर ड्राफ्ट की सुविधा

 मुद्रा योजना के जरिए एक लाख रुपए तक का कर्ज देने की भी घोषणा

नई दिल्ली। सरकार, देश की विकास प्रक्रिया में महिलाओं की भागीदारी को प्रोत्साहित करने के लिए जन-धन बैंक खाते वाली स्वयं सहायता समूह की प्रत्येक महिला सदस्य को 5000 रुपए के ओवर ड्राफ्ट की सुविधा देने तथा मुद्रा योजना के तहत प्रत्येक स्वयं सहायता समूह की एक महिला सदस्य को एक लाख रुपए तक का कर्ज देने की घोषणा की है। निर्मला सीतारमण ने कहा कि  जन-धन बैंक खाताधारी प्रत्येक महिला स्वयं सहायता समूह के प्रत्येक सदस्य को 5000 रुपए के ओवरड्राफ्ट की अनुमति देने का प्रस्ताव किया गया है। प्रत्येक महिला स्वयं सहायता समूह में एक महिला सदस्य को मुद्रा योजना के तहत एक लाख तक का ऋण उपलब्ध कराया जाएगा।

99.30 फीसदी कंपनियों के कारपोरेट टैक्स में कटौती

नई दिल्ली। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने शुक्रवार को मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल का पहला बजट पेश किया। इसमें उन्होंने कहा कि 400 करोड़ रुपए तक सालाना टर्नओवर वाली कंपनियों को 25 प्रतिशत के सबसे निचले टैक्स स्लैब के दायरे में ला दिया गया है। इससे पहले 250 करोड़ रुपए के सालाना टर्नओवर वाली कंपनियां ही इस दायरे में थीं। नए फैसले से अब 99.30 प्रतिशत कंपनियां 25 प्रतिशत के कारपोरेट टैक्स के दायरे में आ जाएंगी, जबकि सिर्फ 0.70 प्रतिशत कंपनी ही इससे बाहर रहेंगी। वहीं, उन्होंने कहा कि फ्रेश या इन्क्रिमेंटल लोन पर सभी जीएसटी रजिस्टर्ड एमएसएमई को दो प्रतिशत अनुदान के लिए 350 करोड़ रुपए का प्रावधान किया गया है।  सीतारमण के मुताबिक भारत को हर साल 20 लाख करोड़ रुपए के निवेश की जरूरत है। एविएशन, मीडिया एनिमेशन और इंश्योरेंस में एफडीआई आना चाहिए। इंश्योरेंस इंटरमीडिएटरीज के क्षेत्र में 100 प्रतिशत एफडीआई को अनुमति मिलेगी। 2018 से 2030 के बीच रेलवे इन्फ्रास्ट्रक्चर में 50 लाख करोड़ निवेश की जरूरत है। पीपीपी मॉडल का इस्तेमाल त्वरित विकास और यात्री भाड़े से जुड़ी सेवाओं के विकास में किया जाएगा। मार्च 2019 में देश में ट्रांसपोर्ट के लिए नेशनल कॉमन मोबिलिटी कार्ड लांच किया गया। यह देश का पहला स्वदेशी पेमेंट सिस्टम है। इसके जरिए लोग कई तरह के ट्रांसपोर्ट चार्ज का पेमेंट कर सकते हैं।

स्टार्टअप-निवेशकों की नहीं होगी आयकर जांच

नई दिल्ली। नए उद्यमों तथा इनमें पूंजी लगाने वाले निवेशकों को प्रोत्साहन देने के लिए सरकार ने कहा है कि स्टार्टअप और निवेशकों की आयकर विभाग जांच नहीं करेगा। वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने लोकसभा में वित्त वर्ष 2019-20 का आम बजट पेश करते हुए कहा कि आवश्यक घोषणा दाखिल करने वाले और अपनी रिटर्न में समस्त जानकारी उपलब्ध कराने वाले स्टार्ट-अप तथा उनके निवेशक के बारे में किसी तरह की जांच नहीं की जाएगी। यह प्रस्ताव ‘एंजल टैक्स’ के मामले को सुलझाने की दृष्टि से किया गया है। वित्त मंत्री ने कहा कि निवेशक और उसकी धनराशि के स्रोत की पहचान स्थापित करने का मामला ई-मूल्यांकन व्यवस्था के माध्यम से सुलझाया जाएगा। इसके साथ ही स्टार्ट-अप्स में लगाएं धन के लिए आयकर विभाग किसी तरह की जांच नहीं करेगा। श्रीमती सीतारमण ने कहा कि इसके अलावा स्टार्ट-अप के लंबित आकलनों तथा उनकी शिकायतों के निवारण के लिए केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड विशेष प्रशासनिक प्रबंध करेगा।

विश्वस्तरीय शिक्षा को 400 करोड़

नई दिल्ली। सरकार देश के उच्च शिक्षण संस्थानों को विश्व स्तरीय बनाने के लिए वर्ष 2019-20 में 400 करोड़ रुपए खर्च करेगी और उच्च शिक्षा की गुणवत्ता को बढ़ाने के लिए राष्ट्रीय शोध परिषद की स्थापना की जाएगी, जिसमें सभी मंत्रालय के अनुसंधान संबंधी फंड को इसमें समाहित कर दिया जाएगा। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने शुक्रवार को वर्ष 2019-20 का बजट लोकसभा में पेश करते हुए यह घोषणा की। उन्होंने कहा कि इस वर्ष हमें 400 करोड़ रुपए आबंटित किए है, ताकि हमारे शिक्षण संस्थानों को विश्व स्तरीय बनाया जा  सके। यह राशि पिछले वर्ष बजट के संशोधित अनुमान से तीन गुना अधिक है। उन्होंने कहा कि अब तक हम क्यूएस रैकिंग में शीर्ष 200 शैक्षिणक संस्थानों नहीं आते थे, लेकिन पिछले वर्ष के दौरान किए गए प्रयासों का नतीजा है कि इस बार विश्व रैकिंग के टॉप 200 संस्थानों में हमारे तीन उच्च शिक्षण संस्थान शमिल हो गए है। इनमें दो आईआईटी और भारतीय विज्ञान संस्थान बंगलूर शामिल है। श्रीमती सीतारमण कहा कि शोध एवं नवाचार को बढ़ावा देने के लिए राष्ट्रीय अनुसंधान परिषद की स्थापना की जाएगी और उसमें सभी मंत्रायल के अनुसंधान संबंधी फंडों को समाहित करने के अलावा अतिरिक्त फंड भी उपलब्ध कराए जाएंगे।

कुछ ऐसा भी

 बजट में ‘स्टडी

इन इंडिया’ कार्यक्रम की घोषणा   विदेशी छात्रों को भारत में उच्च शिक्षा में दाखिले के लिए किया जाएगा आकर्षित   भारतीय उच्च शिक्षा आयोग का किया जाएगा गठन  आयोग की स्थापना को विधेयक इस वर्ष संसद में करेंगे पेश

45 लाख तक का घर खरीदने पर छूट

नई दिल्ली। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने शुक्रवार को मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल का पहला बजट पेश किया। बजट भाषण की शुरुआत करते हुए उन्होंने कहा कि हमारा उद्देश्य मजबूत देश के लिए मजबूत नागरिक है। 45 लाख तक का घर खरीदने पर होम लोन पर 1.50 लाख का अतिरिक्त ब्याज कर मुक्त रखा गया है, यानी 3.50 लाख तक ब्याज के भुगतान पर टैक्स में छूट मिलेगी।  वित्त मंत्री सीतारमण ने कहा कि पिछले पांच साल में हमने जो मेगा प्रोजेक्ट्स शुरू किए थे, उन्हें अब आगे बढ़ाने का वक्त है। चाणक्य नीति में कहा गया है कि दृढ़ संकल्प हो तो उद्देश्य पूरा होता है। उर्दू में एक शेर है कि यकीन हो तो कोई रास्ता निकलता है, हवा की ओट लेकर भी चराग जलता है। हमारी अर्थव्यवस्था पांच वर्ष में 2.7 ट्रिलियन डालर तक पहुंची है।


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