मौत को खुद बुलावा दे रहे प्रवासी

By: Jul 17th, 2019 12:05 am

हमीरपुर—बरसात में सबसे अधिक तबाही बचाने वाली कुनाह खड्ड से प्रवासी जानबूझ कर उलझ रहे हैं। प्रवासियों की झुग्गियां अभी भी खड्ड के किनारे दिख रहीं हैं। इन झुग्गियों को देखने वाला हर कोई यही बोल रहा है कि यह तो जानबूझ कर मौत को गले लगाने वाली बात है। अगर कुनाह ने अपना रौद्र रूप दिखाया, तो सब तबाह हो जाएगा। कुनाह का रौद्र रूप हमीरपुर 2015 मंे देख चुका है। आज तक 2015 के जख्म भरे नहीं है। यह वही खड्ड है, जिसने आईपीएच की स्कीमों का बुरी तरह से तहस-नहस किया था। एक डेयरी फार्म को यह खड्ड बहा ले गई थी। इसमें बंधे मवेशियों की पानी में डूबने से मौत हो गई है और साथ ही खड्ड ने भोटा के पास एनएच पर बने पुल की बेसमेंट उखाड़ दी थी। करीब 25 फुट की चट्टान पर स्थापित भगवान शिव की मूर्ति को खड्ड का पानी बहा ले गया था। इस अकेली खड्ड ने ही करोड़ों रुपए के जख्म हमीरपुर को दिए हैं। वहीं, प्रशासन भी बरसात के मौसम में खड्डों के पास रहने वालों को समय-समय पर सावधान करता रहता है। जानकारी के अनुसार खड्ड में झुग्गियां दिखाई देने के बाद जिला प्रशासन को इसके बारे में सूचित किया गया है। सूचना मिलने के बाद प्रशासन अपने स्तर पर आगामी कदम उठाएगा। उपायुक्त हमीरपुर हरिकेश मीणा ने बताया कि मामला उनके ध्यान में आ गया है। प्रवासियों को कुनाह खड्ड के किनारे से हटाया जाएगा। उन्होंने लोगों से आग्रह किया है कि बरसात के मौसम में नदी और नालों के किनारे न जाएं। बारिश में जलस्तर कभी भी बढ़ सकता है।


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