रस्सियों के सहारे पार कर रहे गिरि-पालर नदी

संगड़ाह—नागरिक उपमंडल संगड़ाह के अंतर्गत आने वाले गांव सींऊ में गिरि व पालर नदी पर मौजूद रज्जू मार्ग के चालू हालत में न होने के चलते ग्रामीणों को जान जोखिम में डालकर नदियां पार करनी पड़ रही हैं। स्थानीय पंचायत द्वारा उक्त रज्जू मार्गों की मरम्मत पर हाल ही में करीब दो लाख की राशि खर्च किए जाने के बावजूद झूले चालू न होने के लिए ग्रामीणों ने नाराजगी जताई। जानकारी के मुताबिक रज्जू मार्ग अथवा झूलों की मरम्मत का कार्य लगभग पूरा हो चुका है तथा पंचायत अथवा ग्रामीण विकास विभाग द्वारा अब केवल रज्जू मार्ग से नदी पार करवाने के लिए दो लोगों की नियुक्ति किए जाने तथा रस्सियां टाइट किया जाना शेष है। पिछले दो वर्षों से ग्रामीण तारों से बनी रस्सियों के सहारे नदी पार कर रहे हैं तथा गत वर्ष मीडिया द्वारा उक्त मुद्दा उठाए जाने के बाद उपायुक्त सिरमौर द्वारा इन झूला पुलों के लिए दो लाख का बजट उपलब्ध करवाया गया था। राजकीय उच्च पाठशाला सींऊ में पढ़ने वाले 55 छात्रों में से जहां एक तिहाई बच्चों को नदी पार करके यहां पहुंचना पड़ता है। वहीं इस गांव से संगड़ाह महाविद्यालय व स्कूल आने वाले छात्र भी रस्सियों पर चलने को अपना मुकद्दर मान रहे हैं। बारिश के चलते नदियों में पानी बढ़ चुका है तथा नदी में उतरना भी जान खतरे में डालने से कम नहीं है। पंचायत उपप्रधान अनिल भारद्वाज ने बताया कि क्षतिग्रस्त रज्जू मार्गों की मरम्मत का कार्य पूरा हो चुका है तथा अब केवल रस्सीनुमा तारों को टाइट करने व झूला पार करवाने वालों की तैनाती होना शेष है। उन्होंने कहा कि जल्द उक्त कार्य पूरा करवाने की कोशिश की जा रही है। खंड विकास अधिकारी संगड़ाह कृष्ण दत्त ने बताया कि आज ही मामला उनके संज्ञान में आया है तथा वह संबंधित पंचायत प्रतिनिधियों तथा सचिव को जल्द रज्जू मार्ग चालू करने के निर्देश दे चुके हैं।